Chhath Puja During Pregnancy:छठ पूजा एक प्राचीन हिंदू त्योहार है, जो सूर्य देव और छठी मैया की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में लोकप्रिय है, जहां महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि और संतान के अच्छे भविष्य के लिए कठिन व्रत रखती हैं। इस व्रत में चार दिनों तक निराहार या निर्जला उपवास, नदी या तालाब में खड़े होकर अर्घ्य देना जैसी रस्में शामिल होती हैं।
हालांकि, गर्भवती महिलाओं के लिए यह व्रत चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि गर्भावस्था में पोषण और स्वास्थ्य की विशेष देखभाल जरूरी होती है। हाल की स्वास्थ्य सलाहों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को पूर्ण निर्जला व्रत से बचना चाहिए, क्योंकि इससे डिहाइड्रेशन, कम ब्लड शुगर, थकान और गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। तो चलिए जानते है गर्भवती महिलाएं कैसे सुरक्षित रूप से इस पूजा को मना सकती हैं।
छठ व्रत के लिए गर्भवती महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
मालूम हो कि गर्भावस्था में शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा, पोषक तत्व और जल की आवश्यकता होती है। छठ व्रत के दौरान लंबे समय तक भोजन या पानी न लेने से कई समस्याएं हो सकती हैं। जैसे – डिहाइड्रेशन, कम ब्लड शुगर, थकान और कमजोरी और पोषण की कमी। यदि आपको पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं हैं, तो व्रत रखना और भी खतरनाक हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए –
1.सबसे पहले अपने Gynecologist से बात करें। वे आपकी गर्भावस्था की स्थिति, ट्राइमेस्टर और स्वास्थ्य के आधार पर सलाह देंगे। यदि डॉक्टर मना करें, तो व्रत न रखें।
2.निर्जला व्रत से बचें और फलाहार व्रत अपनाएं। दिन में पानी, नारियल पानी, दूध या फलों का रस पीते रहें। इससे हाइड्रेशन बनी रहेगी और ऊर्जा स्तर स्थिर रहेगा।
3. व्रत के दौरान या पहले-बाद में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लें। फल (केला, सेब, संतरा), सूखे मेवे (बादाम, किशमिश), दही, अनाज (साबूदाना, कुट्टू) और सब्जियां शामिल करें। इससे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर मिलेगा। कैफीन या भारी भोजन से बचें।
4.व्रत के दौरान बच्चे की हलचल पर ध्यान दें। यदि कम हो या असामान्य लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
5.गर्भवती महिलाएं व्रत के दौरान ज्यादा मेहनत वाले काम न करें। रस्मों के बीच में आराम करें और लंबे समय तक खड़े न रहें। यदि थकान, चक्कर या कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।







