Smog Attack in Delhi: दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जहां स्मॉग की मोटी परत ने पूरी राजधानी को ढक लिया है। 25नवंबर को सुबह के समय कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400से ऊपर पहुंच गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और दृश्यता कम होने की शिकायतें बढ़ रही हैं। सरकार ने स्थिति को देखते हुए ऑफिसों में 50%स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम (WFH) की अनुमति दे दी है, जबकि बाकी को ऑफिस आना होगा। यह फैसला संशोधित ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत लिया गया है, जो प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने पर जोर देता है।
AQI और स्मॉग का कहर
आज सुबह दिल्ली में औसत AQI 364से 415के बीच दर्ज किया गया, जो ‘खतरनाक’ स्तर तक पहुंच चुका है। आनंद विहार में AQI 401, ITO में 379, नजफगढ़ में 332और नरेला में 377तक पहुंच गया। NCR के अन्य शहरों जैसे नोएडा (456), ग्रेटर नोएडा (455), गाजियाबाद (454), फरीदाबाद (444) और गुरुग्राम (404) में भी स्थिति गंभीर है। स्मॉग के कारण दृश्यता घटकर 800-1000मीटर रह गई है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। तो वहीं, इंडिया गेट, AIIMS, सफदरजंग हॉस्पिटल, ITO, मयूर विहार और अक्षरधाम जैसे इलाकों में सुबह की धुंध ने लोगों को बाहर निकलने से रोका है। पिछले 24घंटों में AQI का उच्चतम स्तर 503और न्यूनतम 197दर्ज किया गया।
इथियोपिया ज्वालामुखी की राख का भी दिखा असर
दिल्ली के प्रदूषण के मुख्य कारण वाहनों का उत्सर्जन, निर्माण कार्य, औद्योगिक गतिविधियां और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना हैं। हालांकि, इस साल पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं 92%कम हुई हैं, जिससे AQI में 15-18%सुधार हुआ है। लेकिन 12 हजार साल बाद 23नवंबर को इथियोपिया का हेली गुब्बी ज्वालामुखी सक्रिय हुआ और फट गया, जिससे समस्या और ज्यादा बढ़ गई। क्योंकि इसकी राख और सल्फर डाइऑक्साइड का बादल अब दिल्ली पहुंच चुका है, जो AQI को और खराब कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह राख ऊपरी वायुमंडल में फैल रही है, लेकिन इसका बड़ा प्रभाव अभी अनिश्चित है। PM2.5और PM10जैसे कण प्रदूषक स्तर खतरनाक हैं, जो स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा रहे हैं।
GRAP और WFH नीति
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने GRAP को सख्त बनाया है। वर्तमान में स्टेज III लागू है, लेकिन स्टेज IV के कुछ उपाय जैसे 50% WFH को स्टेज III में ही शामिल कर लिया गया है। दिल्ली सरकार ने सरकारी और निजी ऑफिसों को 50% क्षमता पर काम करने का आदेश दिया है, बाकी कर्मचारी घर से काम करेंगे। केंद्र सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए WFH पर विचार कर रही है। अन्य उपायों में निर्माण पर रोक, डीजल वाहनों पर प्रतिबंध और स्कूलों में ऑनलाइन क्लास शामिल हैं।











