ज़माना कम समय में अधिक और प्रभावी जनसंचार का है
मंजरी की विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर। माइक्रो एवं लघु फिल्मों के विशेषज्ञ और एम एस एम ई मंत्रालय के संयुक्त निदेशक हरेन्द्र प्रताप ने कहा है कि डिजिटल फिल्मों में रोजगार के अनेक अवसर हैं तथा आज का ज़माना कम समय में अधिक एवं प्रभावी जनसंचार का है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल फिल्मों की दुनिया में माइक्रो और लघु फिल्मों का दौर चल पड़ा है जिससे रोजगार का एक नया क्षेत्र भारत में भी खुल गया है। श्री प्रताप ने ये विचार नोएडा स्थित फिल्म सिटी में एएएफटी के 125 वें लघु डिजिटल फिल्म महोत्सव में एक विशेष बातचीत में व्यक्त किये। गौरतलब है कि एम एस एम ई के क्षेत्र में श्री प्रताप ने 25 से अधिक लघु डिजिटल फिल्मों का निर्देशन किया है।

मारवाह स्टूडियो में पिछले मंगलवार को आयोजित इस महोत्सव में दस से अधिक लघु डिजिटल फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इनमें प्रमुख फिल्म हैं गोल्डन गिफ्ट, केज्ड और अ ड्रीम। गोल्डन गिफ्ट फिल्म में निर्देशन और अभिनय भी सशक्त है तथा छोटी फिल्म बड़ी कहानी कहने में अधिक सक्षम है।
इससे पहले संदीप मारवाह, रितू शिवपुरी और अर्चना सक्सेना ने महोत्सव का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में श्री मारवाह ने लघु डिजिटल फिल्मों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला।
महोत्सव में अन्य फिल्मों में द फाइनल स्वाइप, टिक टॉक, एन ओल्ड मैन भी प्रभावी थे। फिल्मों के साथ – साथ इस महोत्सव में म्यूजिक वीडियो की भी प्रस्तुति की गई। इनमें देवश्री गणेश, फरेबी और तू मेरा दिल प्रमुख हैं।