Passport index: कभी दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट माना जाने वालाअमेरिकी पासपोर्टअबहेनली पासपोर्ट इंडेक्सकी टॉप 10 लिस्ट से बाहर हो गया है। 20 साल पहले शुरू हुई इस रैंकिंग में अमेरिका अब12वें स्थानपर खिसक गया है, और वह यह स्थानमलेशियाके साथ साझा कर रहा है। यह गिरावट सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि बदलते वैश्विक समीकरण और कूटनीतिक नीतियों का संकेत भी है।
180 देशों तक सीमित हुई अमेरिकी यात्रा सुविधा
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के डेटा पर आधारित इस इंडेक्स के मुताबिक, अमेरिकी पासपोर्ट धारकों को अब227 में से सिर्फ 180 देशोंमें ही बिना वीजा यात्रा की अनुमति है। पहले यह संख्या कहीं ज्यादा थी। रिपोर्ट में कहा गया है किब्राजील, चीन, वियतनाम, पापुआ न्यू गिनी, औरम्यांमारजैसे देशों ने अमेरिका के साथ वीजा-मुक्त समझौते खत्म कर दिए या eVisa सिस्टम लागू कर दिया, जिससे अमेरिकी यात्रियों की पहुंच सीमित हो गई।
अमेरिका की सख्त वीजा नीति भी बनी मुसीबत
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस गिरावट की बड़ी वजह खुदअमेरिका की सख्त वीजा नीतिहै। जहां अमेरिकी नागरिक 180 देशों में बिना वीजा जा सकते हैं, वहीं अमेरिका सिर्फ46 देशोंके नागरिकों को वीजा फ्री एंट्री देता है। इसी कारण से अमेरिकाहेनली ओपननेस इंडेक्समें77वें स्थानपर है। रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका की “कम मेहमाननवाजी” नीति के चलते कई देशों ने भी‘टिट फॉर टैट’ यानी जवाबी रवैया अपनाया है।
सिंगापुर टॉप पर, भारत 85वें स्थान पर
इस साल की रैंकिंग मेंसिंगापुरने 193 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा सुविधा के साथ पहला स्थान हासिल किया है।दक्षिण कोरिया (190) औरजापान (189) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। वहींचीनने पिछले एक दशक में बड़ी छलांग लगाते हुए64वें स्थानपर जगह बनाई है। चीन अब 82 देशों में वीजा फ्री यात्रा की सुविधा देता है और 76 देशों को अपने यहां वीजा फ्री प्रवेश की अनुमति देता है — जो अमेरिका से 30 ज्यादा है।
भारत की बात करें तो वह इस सूची में85वें स्थानपर है, और भारतीय नागरिक57 देशोंमें वीजा-फ्री यात्रा का लाभ उठा सकते हैं।