Kanji Recipe Hindi: गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक्स की जगह कुछ हेल्दी और टेस्टी पीना चाहते हैं? तो चुकंदर और गाजर की कांजी से बेहतर क्या हो सकता है! कांजी एक पारंपरिक भारतीय ड्रिंक है, जो न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि सेहत के लिए भी कमाल की है। आयुर्वेद में इसे प्रोबायोटिक ड्रिंक माना जाता है, जो पाचन को दुरुस्त करता है और शरीर को ठंडक देता है। इसे घर पर बनाना बेहद आसान है और रसोई में मौजूद चीजों से तैयार हो जाता है। तो भाई, आइए जानते हैं कांजी बनाने की आसान रेसिपी और इसके फायदे।
कांजी बनाने की सामग्री
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1 कप काले गाजर (कद्दूकस की हुई)
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1 कप चुकंदर (कद्दूकस किया हुआ)
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2 चम्मच सरसों का पाउडर
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1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
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1 चम्मच नमक (स्वादानुसार)
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1 चम्मच अजवाइन (वैकल्पिक, पाचन के लिए)
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1 लीटर पानी
कांजी बनाने की विधि
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तैयारी: एक साफ मिट्टी का बर्तन या ग्लास जार लें। मिट्टी का बर्तन कांजी को बेहतर स्वाद देता है।
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सामग्री डालें: जार में कद्दूकस की हुई काली गाजर और चुकंदर डालें।
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मसाले मिलाएं: इसमें सरसों का पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, नमक, और अजवाइन डालकर अच्छे से मिक्स करें।
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पानी डालें: अब 1 लीटर पानी डालें और सारी चीजों को अच्छे से मिलाएं।
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जार बंद करें: जार को ढक्कन या साफ कपड़े से अच्छे से बंद करें।
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धूप में रखें: जार को 3-4 दिनों के लिए धूप में रखें। धूप में रखने से कांजी में फर्मेंटेशन होता है, जो इसे प्रोबायोटिक बनाता है।
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रोजाना हिलाएं: हर दिन एक बार साफ चम्मच से कांजी को हिलाएं, ताकि मसाले अच्छे से घुल जाएं।
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तैयार है कांजी: 4-5 दिन बाद कांजी तैयार हो जाएगी। इसे छानकर ठंडा करें और गिलास में डालकर पिएं।
टिप: अगर ज्यादा खट्टा स्वाद चाहिए, तो 1-2 दिन और धूप में रख सकते हैं।
कांजी के फायदे
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प्रोबायोटिक पावर: कांजी पाचन को बेहतर बनाती है और गट हेल्थ को सपोर्ट करती है।
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ठंडक देती है: गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट और ठंडा रखती है।
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विटामिन्स और मिनरल्स: चुकंदर और गाजर से आयरन, विटामिन A, और C मिलता है।
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वजन कंट्रोल: कम कैलोरी और हाई न्यूट्रिशन की वजह से वेट लॉस में मददगार।
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इम्यूनिटी बूस्ट: फर्मेंटेशन की वजह से ये रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
इन बातों का रखें ध्यान
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हमेशा साफ बर्तन और फिल्टर्ड पानी का इस्तेमाल करें, वरना कांजी खराब हो सकती है।
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धूप में रखें, क्योंकि फर्मेंटेशन के लिए गर्मी जरूरी है। ठंडे मौसम में 5-6 दिन लग सकते हैं।
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कांजी को फ्रिज में स्टोर करें और 5-7 दिन में खत्म कर लें।
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अगर कांजी से अजीब गंध आए, तो उसे न पिएं—ये खराब होने का संकेत है।
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काले गाजर न मिलें, तो लाल गाजर भी यूज कर सकते हैं।
कांजी को और मजेदार कैसे बनाएं?
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स्वाद बढ़ाएं: थोड़ा काला नमक या भुना जीरा पाउडर डालें।
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वेरिएशन: मूली या हरी मिर्च डालकर अलग स्वाद ट्राई करें।
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सर्विंग टिप: ठंडी कांजी में पुदीने की पत्तियां डालकर सर्व करें।
कांजी कब पिएं?
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सुबह खाली पेट: पाचन को किकस्टार्ट करने के लिए।
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दोपहर में: भोजन के साथ या बाद में ताजगी के लिए।
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सीमित मात्रा: दिन में 1-2 गिलास काफी हैं। ज्यादा पीने से पेट में गैस हो सकती है।
तो भाई, इस गर्मी में कांजी बनाएं और कोल्ड ड्रिंक्स को कहें अलविदा। ये हेल्दी, टेस्टी, और आयुर्वेदिक ड्रिंक आपके पेट और सेहत दोनों का ख्याल रखेगी। रेसिपी ट्राई करें और कमेंट में बताएं कैसी लगी!