Morning Hydration: क्या आपने कभी सोचा कि दादी-नानी की बार-बार दी जाने वाली नसीहत “सुबह उठकर पानी पी लो” के पीछे कितना बड़ा विज्ञान छुपा है? कॉग्निटिव फंक्शन यानी सोचने-समझने और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बेहतर बनाने में हाइड्रेशन की अहम भूमिका है। हाल के शोध बताते हैं कि सुबह सबसे पहले पानी पीने की आदत आपके दिमाग को तेज कर सकती है और पूरे दिन की थकान, कमजोर याददाश्त और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याओं से बचा सकती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरनमेंटल रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन ने इस बात को वैज्ञानिक आधार दिया है कि डिहाइड्रेशन मस्तिष्क के प्रदर्शन को कैसे प्रभावित करता है। आइए जानते हैं इस शोध की खास बातें और हाइड्रेशन का दिमाग पर असर।
दिमाग और पानी का गहरा रिश्ता
हमारा मस्तिष्क 75% पानी से बना होता है। इसीलिए हाइड्रेशन और कॉग्निटिव फंक्शन के बीच सीधा संबंध है। न्यूरोलॉजिस्ट्स के मुताबिक, नींद के दौरान हमारा शरीर 6-8 घंटे तक बिना पानी के रहता है, जो एक तरह का उपवास होता है। सुबह उठते ही पानी की कमी को पूरा न करने से दिमाग सुस्त पड़ सकता है, जिससे थकान, ध्यान की कमी और शॉर्ट टर्म मेमोरी पर असर पड़ता है।
2019 का शोध: डिहाइड्रेशन का असर
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरनमेंटल रिसर्च में 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन ने इस बात की पुष्टि की। इसमें चीन के कैंगझोउ से 12 पुरुषों को शामिल किया गया।
प्रक्रिया:
- पहले दिन रातभर (12 घंटे) भूखे रहने के बाद सुबह 8 बजे बेसलाइन टेस्ट किए गए।
- मूत्र और रक्त ऑस्मोलैलिटी से हाइड्रेशन स्तर जांचा गया।
- ऊंचाई, वजन, रक्तचाप मापा गया और प्यास, मूड व कॉग्निटिव टेस्ट किए गए।
- इसके बाद 36 घंटे तक पानी नहीं दिया गया, सिर्फ तीन बार भोजन मिला।
- चौथे दिन फिर से टेस्ट हुए, फिर 15 मिनट में 1500 मिलीलीटर पानी पिलाया गया।
नतीजे:
36 घंटे की पानी की कमी से शक्ति, आत्म-सम्मान, शॉर्ट टर्म मेमोरी और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ा।
रिहाइड्रेशन के बाद ये लक्षण सुधरे।
एक और अध्ययन की पुष्टि
16 लोगों पर किए गए एक अन्य शोध में 24 घंटे तक पानी की कमी से थकान बढ़ने और सतर्कता में कमी की बात सामने आई। यह साबित करता है कि हाइड्रेशन मस्तिष्क के लिए कितना जरूरी है।
सुबह पानी क्यों जरूरी?
न्यूरोलॉजिस्ट्स बताते हैं कि रातभर पानी न पीने से शरीर हल्की डिहाइड्रेशन की स्थिति में चला जाता है। सुबह उठते ही पानी पीने से:
मस्तिष्क सक्रिय होता है: पानी ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को दिमाग तक पहुंचाता है।
- थकान कम होती है: डिहाइड्रेशन से होने वाली सुस्ती दूर होती है।
- फोकस बढ़ता है: ध्यान और अल्पकालिक याददाश्त में सुधार होता है।
दादी-नानी की नसीहत का विज्ञान
हमारी पुरानी पीढ़ी बिना शोध के यह जानती थी कि सुबह पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है। आज विज्ञान ने इसे साबित कर दिया है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सुबह उठते ही कम से कम 1-2 गिलास पानी जरूर पिएं।
हाइड्रेशन के अन्य स्रोत
पानी सबसे बेहतर हाइड्रेशन स्रोत है, लेकिन सुबह की चाय या कॉफी भी इस काम में मदद कर सकती है। हालांकि, इनमें कैफीन होता है, इसलिए इन्हें पानी का विकल्प नहीं बनाना चाहिए।
रोजमर्रा में कैसे अपनाएं?
- सुबह की शुरुआत: उठते ही 500 मिलीलीटर (2 गिलास) पानी पिएं।
- दिनभर हाइड्रेशन: हर 2 घंटे में 1 गिलास पानी लें।
- संकेत: प्यास लगने से पहले पानी पीएं, क्योंकि प्यास डिहाइड्रेशन का लक्षण है।
शोध और हमारी परंपरा दोनों एक ही बात पर जोर देते हैं- हाइड्रेशन दिमाग की सेहत के लिए जरूरी है। सुबह एक गिलास पानी आपकी जिंदगी को पटरी पर ला सकता है। तो अगली बार जब आप सुबह उठें, दादी-नानी की नसीहत याद रखें और पानी का गिलास थाम लें।