Modi-Muizzu Ki Historic Baatcheet: भारत और मालदीव के रिश्तों में नया अध्याय जुड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान भारत ने मालदीव को ₹4850 करोड़ की लाइन ऑफ क्रेडिट देने की घोषणा की है। इसके साथ ही ₹3,000 करोड़ और ₹3,340 करोड़ की मुद्रा विनिमय व्यवस्था (Currency Swap) पर भी सहमति बनी है।
प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्जू के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जो दोनों देशों के रिश्तों को आर्थिक, सुरक्षा और सामाजिक विकास के स्तर पर नई दिशा देने वाले हैं।
RuPay कार्ड लॉन्च: डिजिटल इंडिया की छाप मालदीव में
भारत ने मालदीव में RuPay कार्ड सेवा की शुरुआत की, जिससे भारतीय पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को अब डिजिटल भुगतान में और भी आसानी होगी। यह सेवा भारत की फिनटेक ताकत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करती है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक सौगात
भारत द्वारा निर्मित 700 सामाजिक आवासों की चाबियाँ मालदीव को सौंपी गईं। साथ ही Hanimaadhoo एयरपोर्ट रनवे का वर्चुअल उद्घाटन भी हुआ। ये दोनों परियोजनाएं भारत की विकासोन्मुखी सहयोग भावना को दर्शाती हैं।
रक्षा सहयोग: हिंद महासागर में साझेदारी और मजबूत
भारत ने यह ऐलान किया कि वह मालदीव के कोस्ट गार्ड जहाज CGS हुरावे की मरम्मत बिना किसी शुल्क के करेगा। इसके अलावा, हाइड्रोग्राफी डेटा और White Shipping जानकारी के आदान-प्रदान पर सहमति बनी — जो दोनों देशों की समुद्री सुरक्षा में सहयोग को नई दिशा देगा।
संस्थागत, न्यायिक और युवा सहयोग को बल
भारत और मालदीव के बीच पुलिस और कानून प्रवर्तन प्रशिक्षण, CBI और एंटी करप्शन एजेंसी के बीच सहयोग, न्यायिक प्रशिक्षण, और युवा तथा खेल विकास से संबंधित कई समझौते किए गए। इससे द्विपक्षीय संस्थागत मजबूती मिलेगी और भविष्य की पीढ़ियाँ भी लाभान्वित होंगी।
मोदी को मिला मालदीव में विशेष सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी को माले के रिपब्लिक स्क्वायर में गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों द्वारा पारंपरिक नृत्य और जीवंत स्वागत ने दोनों देशों की सांस्कृतिक साझेदारी को और गहरा किया।
राष्ट्रपति मुइज़्जू ने हवाई अड्डे पर किया स्वागत
यह प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव की तीसरी यात्रा है और राष्ट्रपति मुइज़्जू के कार्यकाल में किसी राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा। मुइज़्जू ने खुद एयरपोर्ट पर मोदी का स्वागत कर एक महत्वपूर्ण राजनयिक संकेत दिया। इस गर्मजोशी को मोदी ने “मैत्री के नए अध्याय की शुरुआत” बताया।
क्या मोदी-मुइज़्जू की मुलाकात से रिश्तों में नया मोड़ आया?
डॉ. मोहम्मद मुइज़्जू की छवि पहले भारत विरोधी मानी जा रही थी। लेकिन इस मुलाकात में जो गर्मी, सहयोग और समझौतों की बौछार दिखी, उसने साफ कर दिया कि भारत-मालदीव रिश्ते अब फिर से पटरी पर हैं।
अंतरराष्ट्रीय रणनीति के लिहाज से मालदीव हिंद महासागर में एक बेहद अहम ठिकाना है। चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत ने यह दिखा दिया कि वह डिप्लोमेसी और विकास दोनों मोर्चों पर पूरी तैयारी के साथ है।
यह यात्रा सिर्फ एक औपचारिक कूटनीतिक मुलाकात नहीं, बल्कि एक संदेश है — भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ सहयोग, सम्मान और साझा विकास के रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। ₹4850 करोड़ की ऋण सहायता, डिजिटल भुगतान सेवा, रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान — ये सभी पहलें भारत-मालदीव रिश्तों में विश्वास और स्थायित्व की ओर इशारा करती हैं।