India-UK FTA 2025: तीन साल की लंबी बातचीत के बाद आखिरकार भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) 2025 पर मुहर लग गई है। यह ऐतिहासिक समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मुलाकात के बाद हुआ। लंदन में आयोजित एक भव्य समारोह में भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने इस डील पर दस्तखत किए।
इस एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों के बीच वार्षिक व्यापार 34 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। डील के बाद न सिर्फ भारत में ब्रिटिश प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे, बल्कि हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए UK में नौकरी के नए दरवाज़े खुलेंगे।
60,000 भारतीयों को मिलेगा ब्रिटेन में काम, IT सेक्टर को सबसे बड़ा फायदा
India-UK FTA के तहत भारतीय IT, इंजीनियरिंग, फाइनेंस, आर्किटेक्चर, मैनेजमेंट और प्रोफेशनल सर्विस सेक्टर से जुड़े कर्मचारियों को ब्रिटेन में बिना स्थानीय ऑफिस खोले काम करने की अनुमति दी जाएगी। यह सुविधा 2 वर्षों तक वैध होगी, जिससे अनुमानित तौर पर हर साल 60,000 भारतीयों को सीधा फायदा होगा।
TCS, Infosys, Wipro, Tech Mahindra जैसी कंपनियों के लिए यह डील ‘गेमचेंजर’ साबित हो सकती है।
शेफ, योगा टीचर, आर्टिस्ट्स के लिए भी खुले दरवाज़े
FTA में एक और बड़ा पहलू यह है कि भारत के शेफ, योगा इंस्ट्रक्टर्स, म्यूज़िशियन और आर्टिस्ट्स को भी कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर UK में काम करने का मौका मिलेगा। साथ ही, इन पेशेवरों को तीन साल तक यूके की सोशल सिक्योरिटी पेमेंट से छूट भी दी जाएगी।
भारत में सस्ती होगी ब्रिटिश व्हिस्की, चॉकलेट और कारें
इस समझौते के तहत भारत में ब्रिटिश प्रोडक्ट्स पर लगने वाला आयात शुल्क काफी हद तक कम हो जाएगा:
ब्रिटिश व्हिस्की पर टैरिफ 150% से घटकर तुरंत 75% और अगले 10 वर्षों में 40% तक आ जाएगा।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर ड्यूटी 110% से घटाकर 10% की जाएगी (कोटा आधारित)।
चॉकलेट, बिस्किट, सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स पर टैरिफ 15% से घटकर 3% रह जाएगा।
इससे भारत के बाज़ारों में हाई-क्वालिटी विदेशी प्रोडक्ट्स की कीमतें गिरेंगी और ग्राहकों को राहत मिलेगी।
UK कंपनियों को मिलेगा भारत के गवर्नमेंट टेंडर में हिस्सा
FTA के तहत अब ब्रिटिश कंपनियां भारत में नॉन-सेंसिटिव सरकारी टेंडर्स, खासकर 2 करोड़ रुपये से ऊपर के टेंडर में हिस्सा ले सकेंगी। हर साल लगभग 40,000 ऐसे टेंडर्स की कुल वैल्यू 4.09 लाख करोड़ रुपये होगी, जो अब UK कंपनियों के लिए भी खुले रहेंगे।
UK को भी होंगे कई फायदे: नौकरियां बढ़ेंगी, इकोनॉमी को मिलेगा बूस्ट
इस डील से ब्रिटेन को भारत में टैरिफ कटौती का बड़ा लाभ मिलेगा। अगले 10 वर्षों में 85% ब्रिटिश उत्पाद पूरी तरह शुल्क मुक्त हो जाएंगे। इसके साथ ही:
ब्रिटेन में 2,200 से ज्यादा नई नौकरियां बनेंगी।
लगभग 2.2 बिलियन पाउंड की वार्षिक सैलरी ग्रोथ देखने को मिलेगी। ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर ने इसे “ऐतिहासिक जीत” बताते हुए कहा कि यह डील यूके की इकोनॉमी के लिए निर्णायक साबित होगी।