Indian Railways Fare Hike:भारतीय रेलवे ने पैसेंजर फेयर में मामूली संशोधन की घोषणा की है, जो आज से लागू हो रही है। यह बदलाव मुख्य रूप से लंबी दूरी की यात्राओं पर केंद्रित है, जबकि छोटी दूरी और दैनिक यात्रियों को इससे छूट दी गई है। रेल मंत्रालय का कहना है कि इस कदम से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जिसका उपयोग सुरक्षा उपायों, संचालन सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाएगा। हालांकि, विपक्षी नेता और आम यात्री इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे महंगाई के बीच अतिरिक्त बोझ बताया।
किराए में कितनी बढ़ोतरी?
रेलवे ने किराए को प्रति किलोमीटर आधार पर समायोजित किया है, जो 215 किलोमीटर से अधिक दूरी वाली यात्राओं पर प्रभावी होगा। साधारण (जनरल) क्लास के लिए 1 पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है। जबकि 215 किमी तक की यात्रा पर कोई बदलाव नहीं किए गए। इसके अलावा मेल/एक्सप्रेस नॉन-एसी क्लास के लिए 2 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है। एसी क्लास (सभी श्रेणियां): 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है।
यह संशोधन उपनगरीय (लोकल) ट्रेनों, मंथली सीजन टिकटों और साधारण क्लास की छोटी दूरी वाली यात्राओं पर लागू नहीं होगा। रेलवे के अनुमान के अनुसार, इससे चालू वित्त वर्ष में करीब 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जबकि सालाना यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। रेलवे अधिकारियों का तर्क है कि भारत में ट्रेन यात्रा अभी भी दुनिया की सबसे किफायती साधनों में से एक है, और यह बढ़ोतरी बहुत मामूली है।
क्यों हो रही है यह बढ़ोतरी?
रेल मंत्रालय के अनुसार, यह फैसला यात्री सेवाओं को बनाए रखने और सुधारने के लिए जरूरी है।
बढ़ते खर्च: कर्मचारी वेतन, पेंशन, ईंधन और रखरखाव की लागत में वृद्धि।
सुरक्षा और विकास: कवच सिस्टम जैसी सुरक्षा तकनीकों, नई लाइनों और स्टेशनों के अपग्रेड पर निवेश।
सब्सिडी का बोझ: रेलवे पैसेंजर सेवाओं पर 47 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है, जो सालाना 60,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यह बढ़ोतरी सब्सिडी को थोड़ा कम करने का प्रयास है।






