Kashmir Terror Module: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है। शोपियां जिले में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP), और CRPF की संयुक्त कार्रवाई में दो आतंकवादी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। इस ऑपरेशन में भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। वहीं, सीमावर्ती पुंछ जिले में रविवार को आतंकवाद निरोधक अभियान के तहत डेढ़ दर्जन स्थानों पर छापेमारी की गई। इसके अलावा, बडगाम में लश्कर-ए-तैयबा के तीन मददगारों की गिरफ्तारी ने आतंकी नेटवर्क पर बड़ा खुलासा किया है।
शोपियां के डीके पोरा इलाके में भारतीय सेना की 34RR, SOG शोपियां, और CRPF की 178 बटालियन ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। इस दौरान दो आतंकवादी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से दो पिस्टल, चार ग्रेनेड, 43 जिंदा कारतूस, और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुंछ जिले में आतंकवाद निरोधक अभियान के तहत रविवार को करीब 18 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई उन लोगों के ठिकानों पर की गई, जो पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में सक्रिय आतंकियों के मददगार या रिश्तेदार हैं। छापेमारी के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए, और कुछ स्थानों पर तलाशी अभी भी जारी है। अधिकारियों ने बताया कि इस ऑपरेशन में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन जांच को और गहरा किया जा रहा है।
दो दिन पहले बडगाम जिले के मगाम के कावूसा नरबल इलाके में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन मददगारों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान मुजम्मिल अहमद, इश्फाक पंडित (दोनों अगलर पट्टन), और मुनीर अहमद (मीरीपोरा बीरवाह) के रूप में हुई है। इनके पास से एक पिस्टल, एक हथगोला, और अन्य गोला-बारूद बरामद किए गए। पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मगाम थाने में FIR दर्ज की है।
जांच में पता चला कि ये सहयोगी लश्कर के सक्रिय आतंकवादी आबिद कयूम लोन के संपर्क में थे, जो 2020 में पाकिस्तान भाग गया और बाद में लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया। यह खुलासा आतंकी नेटवर्क को तोड़ने में अहम साबित हो सकता है।