Karnataka Politics: कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर गर्माने लगी है। इस बार वजह है कांग्रेस विधायक एच.ए. इकबाल हुसैन का वह बड़ा दावा, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगले 2 से 3 महीनों में डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं पहले से ही जोर पकड़ रही थीं। अब हुसैन के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल और बढ़ा दी है।
“राज्य में कांग्रेस की जीत शिवकुमार की रणनीति से ही मुमकिन हो सकी”—इकबाल हुसैन मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने कहा, “राज्य में सत्ता में आने से पहले हमारी हालत क्या थी, सब जानते हैं। जीत दिलाने में डीके शिवकुमार की मेहनत, रणनीति और कार्यक्रमों की भूमिका ऐतिहासिक रही है। मुझे पूरा यकीन है कि आलाकमान सही समय पर सही फैसला लेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ अनुमान या अटकलें नहीं हैं, बल्कि उन्हें भरोसा है कि जल्द नेतृत्व परिवर्तन होगा। उनका दावा है कि
“दो से तीन महीने के भीतर बड़ा फैसला सामने आएगा।”
सत्ता में आने से पहले से ही शिवकुमार के लिए बनी थी जमीन?
डीके शिवकुमार को कांग्रेस की कर्नाटक इकाई में “पावर सेंटर” माना जाता है। जब कांग्रेस ने 2023 में राज्य में सत्ता में वापसी की, तब यह चर्चा जोरों पर थी कि सीएम की कुर्सी के दो प्रमुख दावेदार—सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सत्ता साझा करने का समझौता हुआ है।
अब इकबाल हुसैन जैसे करीबी विधायक का यह बयान यह संकेत देता है कि “सीएम बदलने की टाइमलाइन तय” हो चुकी है, और बस पार्टी हाईकमान की औपचारिक मुहर बाकी है।
कांग्रेस में दो खेमों के बीच खींचतान
राज्य में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को लेकर गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। हाल ही में सीएम सिद्धारमैया के बेटे और एमएलसी यतींद्र ने मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलों को खारिज कर दिया था।
मगर इसके जवाब में अब इकबाल हुसैन ने कहा है: “जैसे दिल्ली में पहले फैसला हुआ था, वैसे ही एक और फैसला होने वाला है। बस इंतजार करिए।”
इससे साफ है कि कर्नाटक कांग्रेस के भीतर सियासी रस्साकशी अपने चरम पर है, और मामला सिर्फ बयानों तक सीमित नहीं रह सकता।