Karnataka Row: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में जारी कलह एक बार फिर से निकलकर सामने आ गई है. डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच कुर्सी के लिए जारी खींचतान अब राष्ट्रीय खबर बन गई है. राजनीतिक गलियारे में अब चर्चाएं बढ़ गईं हैं कि डीके शिवकुमार अब भाजपा खेमे में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, भाजपा फिलहाल मामले में वेट एंड वॉच वाले मोड पर है. भाजपा अपनी ओर से कोई भी पहल नहीं कर रही है.
इस बीच, कर्नाटक के रहने वाले केंद्रीय मंत्री वी सोमन्ना ने कहा कि भाजपा को डीके शिवकुमार की आवश्यकता नहीं है. कांग्रेस में अगर हिम्मत है तो वह विधानसभा भंग करे और राज्य में चुनाव करवाए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की लीडरशिप में भाजपा मजबूत है. भाजपा को शिवकुमार की जरूरत नहीं है. कर्नाटक की हालत खराब हो गई है. सरकार पॉवर शेयरिंग में उलझी हुई है. इससे ज्यादा भ्रष्ट सरकार कर्नाटक की जनता ने नहीं देखा.
शिवकुमार ने एक दिन पहले यानी गुरुवार को कहा कि जुबान की कीमत सबसे बड़ी होती है. सबको अपनी जुबान पर रहना चाहिए. कहा जा रहा है कि ये बातें शिवकुमार ने सिद्धारमैया और कांग्रेस आलाकमान के बारे में कही हैं. बता दें, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता रहा है कि शुरुआत में सरकार बनाते वक्त ही तय हो गया था कि सिद्धारमैया और शिवकुमार 2.5-2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे. अब कांग्रेस सरकार को ढाई साल पूरे हो गए हैं इसलिए शिवकुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी चाह रहे हैं. शिवकुमार के बयान के बाद सिद्धारमैया ने भी जवाबी हमला किया. उन्होंने कहा कि 2023 में उन्हें जो जनादेश मिला था, वह पांच साल के लिए था.
इस बीच खबरें आ रहीं है कि आलाकमान मामले में एक्टिव हो गया है. जल्द ही हाईकमान बैठक करने वाला है, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, सीएम और डिप्टी सीएम शामिल होंगे. पार्टी में पनपे असंतोष को कांग्रेस हाईकमान शांत करने की कोशिश करेगा लेकिन सरकार के दो वरिष्ठों के बीच ऐसी खींचतान की वजह से पार्टी को बड़ा नुकसान हो रहा है.







