Lakhisarai Cancer Awareness: बिहार के लखीसराय जिले में ग्रामीण इलाकों के लिए कैंसर जागरूकता और समय पर जांच की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। सोमवार 29 दिसंबर 2025 को विद्यापीठ चौक पर डॉ प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर की ओर से ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों के लिए विशेष कैंसर जांच सेंटर का शुभारंभ किया गया। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जांच और शुरुआती इलाज की सुविधा उनके अपने जिले में ही उपलब्ध कराना है, ताकि गंभीर बीमारियों का समय रहते पता चल सके।
Patna जाने की मजबूरी खत्म करने पर फोकस
कार्यक्रम के दौरान डॉ प्रभात रंजन और डॉ रूपम रंजन ने बताया कि यह सेंटर ग्रामीण पैथोलॉजी सर्विस के तहत शुरू किया गया है। अब ग्रामीण मरीजों को जांच के लिए पटना जैसे बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। सेंटर पर ही सैंपल लेकर आवश्यक जांच की जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर आगे के इलाज की दिशा तय की जाएगी। इससे न केवल समय और खर्च की बचत होगी, बल्कि इलाज में होने वाली देरी भी रोकी जा सकेगी।
समय पर जांच से कैंसर पर नियंत्रण संभव
डॉ प्रभात रंजन ने कहा कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय रहते पता चल जाए और इलाज शुरू हो जाए, तो इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में जांच सुविधाओं की कमी के कारण अक्सर बीमारी का पता देर से चलता है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए यह पहल शुरू की गई है, ताकि ग्रामीण आबादी को समय पर जांच और सही मार्गदर्शन मिल सके।
चिकित्सकों और प्रशासन की मौजूदगी
इस अवसर पर जिले के प्रोग्रामिंग अधिकारी सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉ प्रवीण, डॉ मनीष, डॉ संजीव, डॉ दिलीप, डॉ हरिप्रिया, डॉ संजय, डॉ अभिनव आनंद, डॉ सुधांशु और डॉ आलोक ने भी भाग लिया। सभी ने इस पहल को ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक जरूरी कदम बताया।
ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए अहम कदम
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विशेष जांच सेंटर ग्रामीण इलाकों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और समय पर इलाज सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। लखीसराय में शुरू हुआ यह सेंटर न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी एक भरोसेमंद स्वास्थ्य सुविधा के रूप में देखा जा रहा है।






