• Newsletter
  • About us
  • Contact us
Wednesday, May 21, 2025
37 °c
New Delhi
39 ° Thu
41 ° Fri
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home संपादकीय

मोदी की विदेश नीति: सफलता या विफलता?

भारत की विदेश नीति में हाल के वर्षों में तेजी से बदलाव देखने को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने वैश्विक मंचों पर अपनी सक्रियता बढ़ाई है, लेकिन साथ ही इस नीति की आलोचनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं।

News Desk by News Desk
May 21, 2025
in संपादकीय
0 0
मोदी की विदेश नीति: सफलता या विफलता?
Share on FacebookShare on Twitter

अमित पांडेय

भारत की विदेश नीति में हाल के वर्षों में तेजी से बदलाव देखने को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने वैश्विक मंचों पर अपनी सक्रियता बढ़ाई है, लेकिन साथ ही इस नीति की आलोचनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण आलोचना पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा की ओर से आई है, जिन्होंने मोदी की विदेश नीति को ‘व्यक्तिगत नियंत्रण’ और ‘कूटनीतिक विफलता’ करार दिया है। इस लेख में हम इस बहस का विश्लेषण करेंगे कि क्या मोदी सरकार की विदेश नीति वाकई में भारत के व्यापक हितों को सही दिशा दे पा रही है या उसमें गम्भीर कमियां हैं।
यशवंत सिन्हा का कहना है कि मोदी ने विदेश नीति को अपने पूर्ण नियंत्रण में ले लिया है, जिससे विदेश मंत्रालय का महत्व घट गया है। इसके चलते नीति बनाने में विशेषज्ञों, कूटनीतिज्ञों और राजनीतिक समन्वय की भूमिका कम हो गई है।
व्यक्तिगत नियंत्रण से फैसले तेजी से हो सकते हैं, लेकिन जब यह केंद्रीकरण विशेषज्ञता और विपक्ष के समन्वय के बिना हो, तो नीति में व्यापक दृष्टिकोण की कमी रह जाती है। इसके नतीजे देश के हितों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जैसा कि पड़ोसी देशों के साथ बिगड़ते रिश्तों और अंतरराष्ट्रीय समर्थन की कमी से स्पष्ट होता है।
भारत की विदेश नीति में दक्षिण एशिया का विशेष स्थान है। यशवंत सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में हमारे पड़ोसी देशों के साथ संबंध खराब हुए हैं। नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ संबंध तनावपूर्ण हैं।
यह तनाव केवल भारत की विदेश नीति की कमी नहीं, बल्कि पड़ोसी देशों की आंतरिक राजनीति और क्षेत्रीय विवादों का भी परिणाम है। लेकिन भारत को इस क्षेत्र में अधिक सक्रिय संवाद, सहयोग और आपसी विश्वास बढ़ाने की रणनीति अपनानी होगी। इसके बिना भारत के सुरक्षा और आर्थिक हित खतरे में रहेंगे।
मोदी सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे बड़े आर्थिक अभियान चलाए हैं और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए व्यापक प्रयास किए हैं। विदेश यात्रा के जरिए भारत ने कई आर्थिक समझौते किए हैं और रणनीतिक साझेदारी बनाई हैं।
फिर भी, यशवंत सिन्हा ने सवाल उठाया है कि इतने दौरे और खर्चों का वास्तविक लाभ क्या हुआ? IMF द्वारा पाकिस्तान को ऋण मिलने पर भारत को व्यापक समर्थन न मिलना यह दर्शाता है कि आर्थिक कूटनीति में भारत को और प्रभावशाली बनने की जरूरत है। इसके लिए निरंतर संवाद, राजनीतिक स्थिरता और कूटनीतिक कौशल आवश्यक हैं।
सिन्हा ने पुलवामा और पहलागाम हमलों के बाद भारत की सुरक्षा नीति और खुफिया तंत्र की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। आतंकवाद से निपटने में प्रभावी कार्रवाई, हमलों के बाद की जांच और जवाबदेही कूटनीति का अहम हिस्सा है।
साथ ही, भारत-पाकिस्तान संघर्ष में युद्धविराम की घोषणा के तरीके और भारत की चुप्पी को लेकर भी उन्होंने असंतोष व्यक्त किया। यह दर्शाता है कि भारत की सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीति में पारदर्शिता और सक्रिय संचार की कमी है, जो अंतरराष्ट्रीय समर्थन और भरोसे को प्रभावित करती है।
एक मजबूत विदेश नीति के लिए राजनीतिक एकजुटता और पारदर्शिता अनिवार्य है। सिन्हा ने अपने संसदीय अनुभवों का हवाला देते हुए बताया कि पहले राजनीतिक दलों के बीच संवाद और सहमति अधिक थी, जो कूटनीति को मजबूती देती थी।
आज का राजनीतिक माहौल अधिक संघर्षपूर्ण है, जिससे नीति निर्माण प्रभावित होता है। इसलिए, विदेश नीति में सुधार के लिए सरकार को विपक्ष, विशेषज्ञों और विभिन्न राजनीतिक दलों से संवाद स्थापित करना होगा।
यशवंत सिन्हा की आलोचना मोदी सरकार की विदेश नीति की वर्तमान स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है। व्यक्तिगत नियंत्रण और केंद्रीकरण से त्वरित निर्णय तो हो सकते हैं, लेकिन व्यापक राजनीतिक समन्वय, विशेषज्ञता, और पारदर्शिता के बिना नीति कमजोर पड़ जाती है।
भारत को क्षेत्रीय विवादों से निपटने, आर्थिक कूटनीति को सशक्त बनाने, और आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रणनीति बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही, राजनीतिक सहमति और संवाद के माध्यम से विदेश नीति को देश के व्यापक हितों के अनुरूप बनाना होगा।
मोदी सरकार की विदेश नीति की सफलताएं भी कम नहीं हैं, लेकिन यशवंत सिन्हा की आवाज़ यह याद दिलाती है कि देश की कूटनीति को और अधिक समावेशी, रणनीतिक और पारदर्शी बनाना आवश्यक है, तभी भारत वैश्विक मंच पर अपने प्रभाव और साख को कायम रख सकेगा।

(लेखक, समाचीन विषयों के गहन अध्येता, युवा चिंतक व राष्ट्रीय-आंतरराष्ट्रीय मामलों के विश्लेषक हैं, रणनीति, रक्षा और तकनीकी नीतियों पर विशेष पकड़ रखते हैं।)

Tags: IMF पाकिस्तान भारत प्रतिक्रियाआर्थिक कूटनीति भारतदक्षिण एशिया कूटनीतिभारत की सुरक्षा रणनीतिभारत-पड़ोसी देश संबंधमोदी की विदेश नीतियशवंत सिन्हा आलोचनारणनीतिक साझेदारी मोदीराजनीतिक संवाद विदेश नीतिविदेश नीति में पारदर्शिता
Previous Post

Bihar Sports Infrastructure Update: बिहार के 252 प्रखंडों में स्टेडियम तैयार! अब गांव-गांव उगेगा नया धोनी, सरकार ने कसी कमर

Related Posts

No Content Available
Please login to join discussion
New Delhi, India
Wednesday, May 21, 2025
Moderate or heavy rain with thunder
37 ° c
45%
21.6mh
45 c 33 c
Thu
45 c 37 c
Fri

ताजा खबर

मोदी की विदेश नीति: सफलता या विफलता?

मोदी की विदेश नीति: सफलता या विफलता?

May 21, 2025
Bihar Sports Infrastructure Update: बिहार के 252 प्रखंडों में स्टेडियम तैयार! अब गांव-गांव उगेगा नया धोनी, सरकार ने कसी कमर

Bihar Sports Infrastructure Update: बिहार के 252 प्रखंडों में स्टेडियम तैयार! अब गांव-गांव उगेगा नया धोनी, सरकार ने कसी कमर

May 21, 2025
शीशा टूटना शुभ या अशुभ? वास्तु शास्त्र ने खोला चौंकाने वाला राज, जानें कांच टूटने का असली मतलब!

शीशा टूटना शुभ या अशुभ? वास्तु शास्त्र ने खोला चौंकाने वाला राज, जानें कांच टूटने का असली मतलब!

May 21, 2025
Indian Delegation: ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया को बताएगा भारत! 32 देशों में जाएगा बड़ा डेलिगेशन

Indian Delegation: ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया को बताएगा भारत! 32 देशों में जाएगा बड़ा डेलिगेशन

May 21, 2025
Coronavirus Alert: भारत में फिर लौटा कोरोना का खतरा, नया वैरिएंट JN.1 फैला रहा दहशत!

Coronavirus Alert: भारत में फिर लौटा कोरोना का खतरा, नया वैरिएंट JN.1 फैला रहा दहशत!

May 21, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • Newsletter
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved