Monsoon 2025: इस बार मानसून ने समय से पहले देशभर में दस्तक देकर मौसम के इतिहास में एक नई मिसाल कायम कर दी है। 29 जून, रविवार को राजधानी दिल्ली में भी मानसून पहुंच गया, जो सामान्य तिथि से दो दिन देर से था। लेकिन जब आया तो झमाझम बारिश लेकर आया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल 2020 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब मानसून ने पूरे भारत को जून के महीने में ही कवर कर लिया।
आमतौर पर देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून के पहुंचने की तिथि 8 से 9 जुलाई होती है, लेकिन इस बार जून के आखिरी सप्ताह में ही यह लक्ष्य पूरा हो गया।
समय से पहले आए मानसून की खबर से सबसे ज्यादा राहत किसानों को मिली है। भारत की करीब 42% आबादी की आजीविका सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर है, और खेती का एक बड़ा हिस्सा मानसून की बारिश पर आधारित होता है। मानसून का समय से आना धान, गन्ना, कपास, और मोटे अनाज जैसी खरीफ फसलों की बुवाई के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के जल्दी या देर से आने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन इसका सही समय किसानों को सिंचाई चक्र और फसल चयन में अहम सहायता देता है। साथ ही बारिश से पेयजल भंडारण और बिजली उत्पादन में भी तेजी आती है।
अगले 7 दिन कहर बरपा सकती है बारिश, इन राज्यों में अलर्ट
मौसम विभाग ने साफ किया है कि 29 जून तक मानसून पूरे भारत में पहुंच गया है, और अगले 7 दिनों तक कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
IMD ने चेतावनी दी है कि:
झारखंड और ओडिशा में 30 जून को कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका है।
अंडमान और निकोबार, असम, मेघालय, छत्तीसगढ़, पूर्वी यूपी, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, विदर्भ, नागालैंड, मिजोरम आदि में भी तेज बारिश के आसार हैं।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों जैसे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के सटे इलाके, पूर्वोत्तर, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में बारिश अपेक्षाकृत कम हो सकती है।