Moradabad Pakistani Families: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में 500 पाकिस्तानी नागरिक दशकों से रह रहे हैं। 1950 में पाकिस्तान से आई 22 महिलाएं भारतीय पुरुषों से शादी कर भारत आ गई थीं। ये महिलाएं लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रही हैं और अब उनके परिवारों की संख्या बढ़कर 500 हो चुकी है।
इन महिलाओं ने भारत में रहकर लगभग 95 बच्चों को जन्म दिया। समय के साथ इन बच्चों की शादियाँ हुईं और अब उनके पोते-पोतियाँ भी हैं। हालांकि महिलाएं अब भी पाकिस्तानी नागरिक हैं, लेकिन उनके बच्चों ने भारतीय नागरिकता ले ली है।
पुलिस और इंटेलिजेंस की पैनी नजर
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गई है। शॉर्ट टर्म वीजा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेज दिया गया है, और लॉन्ग टर्म वीजा वालों की गहन जांच की जा रही है।
मुरादाबाद में एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि जिले में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पूरी प्रोफाइल पुलिस के पास है। सभी थानों और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को अलर्ट पर रखा गया है ताकि कोई अवैध व्यक्ति न रह पाए।
डॉक्युमेंट्स की जांच और नागरिकता की प्रक्रिया
इन महिलाओं के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज़ हैं, लेकिन किसी ने अभी तक भारतीय नागरिकता प्राप्त नहीं की है। हालांकि सभी ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है।
पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि जिनके पास वैध दस्तावेज़ न हों, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इस प्रक्रिया में यह भी देखा जा रहा है कि कहीं कोई बाहरी व्यक्ति अवैध तरीके से तो नहीं रह रहा है।
22 दुल्हनों से 500 लोगों का परिवार
1950 में जब ये महिलाएं भारत आईं, तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि इतने सालों बाद एक बड़ा समुदाय बन जाएगा। अब इनमें से कई महिलाएं दादी बन चुकी हैं और मुरादाबाद में शांति से रह रही हैं। यह मामला सिर्फ सुरक्षा का नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और नागरिकता से जुड़ा भी है।
यह मामला भारत में नागरिकता, सुरक्षा और मानवीय रिश्तों से जुड़ा एक अनोखा उदाहरण है। जहां एक तरफ सुरक्षा जरूरी है, वहीं दूसरी तरफ दशकों से रह रहे लोगों की मानवीय स्थिति को भी समझना होगा।