1. नया साल है, नई सुबह है उम्मीदों की है नई रोशनी ठोकर खाओ, गिरो, संभलो मंजिल की ओर बढ़ते चलो हार को सीढ़ी बनाकर जीत की राह तुम गढ़ते चलो हवा बदलने का इंतज़ार मत करो खुद दिशा बदलना सीखो राह कठिन हो जाए चाहे हौसलों की लौ जलाना सीखो आंधी हो या हो पानी साल नया है, सुबह नई है उम्मीदों की है नई रोशनी !
2.
बीता साल अगर रूठा रहा
तो क्या हुआ जाने दो
दर्द पुराने ,जख्म पुराने
सबको पीछे छोड़ आगे बढ़ो
थके कदमों में जोश भरो
दिल में फिर से आग जलाओ
आज के हाथ में कल की डोर
आज ही किस्मत लिख डालो
दिल की धरती पर साहस बोओ
मेहनत से फसल उगा डालो
थोड़ा साहस, थोड़ा विश्वास
थोड़ी मेहनत, थोड़ी रवानी
नया साल,नई सुबह,
नई उम्मीदों की है नई कहानी !
3.
ठोकरें आएँगी राहों में
गिरोगे भी कई दफ़ा रातों में
पर गिरकर उठना सीख लो
यही जीत की है असली दवा
रात अंधेरी कितनी भी हो
सूरज को कौन रोक पाया है
हौसलों के संग जो निकला है
वही किस्मत का ताला पाया है
सपनों को थाम लो यारों
बढ़ाओ आगे यह जिंन्दगी
नया साल है, नई सुबह है
उम्मीदों की है नई रोशनी !
4.
थक जाओ तो थोड़ा रुकना
पर हार मानकर नहीं बैठना
सपनों से रिश्ता नहीं तोड़ना
हौसले का हाथ नहीं छोड़ना
जिस दिन ये वादा कर लोगे
“मैं रुकने वाला नहीं”
उसी दिन दुनिया तुमसे बोलेगी
“तुमसे आगे कोई चलने वाला नहीं”
हिम्मत हो दिल में तो
किस्मत वहां है झुकती
यही जिंदगी है
यही है सच्ची रोशनी
नया साल है, नई सुबह है
उम्मीदों की है नई रोशनी !
5.
मां-बाप की आँखों के सपने
अपने दिल का हर अरमान
नए साल में कर दो पूरे
यही हो बस जीवन का गान
मेहनत की धुन, जज़्बे की ताल
हिम्मत की यह ऊँची चाल
साथ हो सच्चे इरादों का
तो हर दिन बने नया साल
दिल में जोश, आँखों में सपने
बस इतनी हो जिन्दगी
नया साल है, नई सुबह है
उम्मीदों की है नई रोशनी !
-के. शुभम मिश्रा






