पटना, 21 जून 2025 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम की समीक्षात्मक बैठक की।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रगति यात्रा के दौरान पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि गांव-गांव जाकर महिलाओं से संवाद करें और उन्हें सरकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी दें। साथ ही जिन लोगों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है उन्हें लाभ मिलना सुनिश्चित कराएं। लोगों की समस्याओं के संबंध में भी जानकारी लें और उसके समाधान का उपाय करें। मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में 18 अप्रैल से 20 जून तक राज्य के सभी 38 जिलों में 70 हजार जगहों पर ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 1 करोड़ 56 लाख महिलाएं इससे जुड़ीं और अपनी बातें रखीं।
समीक्षा बैठक में सृष्टि जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ, गोपालगंज की प्रतिनिधि श्रीमती मुनेजा बेगम, आराधना जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ, जमुई की प्रतिनिधि श्रीमती पार्वती देवी, सत्याग्रह महिला स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड, पश्चिम चंपारण की प्रतिनिधि श्रीमती रंजीता काजी एवं संस्कार जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ, खगड़िया की प्रतिनिधि श्रीमती पिंकी देवी ने अपने-अपने सुझाव और विचार रखे। इस दौरान सभी ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने साइकिल योजना, पोशाक योजना और छात्रवृत्ति योजना सहित कई योजनाएं छात्राओं के उत्थान के लिए चलाईं। हमलोगों को शौचालय के रूप में सम्मान घर मिला। आपने विश्व बैंक से कर्ज लेकर ‘जीविका’ का गठन किया और हम सब महिलाओं को स्वावलंबी बनाया एवं समाज में ऊंचा स्थान दिलाया। हमलोगों के जीवन में काफी सुधार आया है और इस मुकाम तक पहुंचे हैं कि आपके सामने अपनी बात रख रहे हैं। जन्म से लेकर बुढ़ापा तक महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जीविका निधि बैंक की स्थापना कराई गई है इससे मिलनेवाले ऋण से काफी लाभहो रहा है। ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम के आयोजन से हम महिलाओं को काफी लाभ हुआ है। जो सरकारी योजनाओं से वंचित थे, उन्हें इसका लाभ मिलने लगा है। आपने जो महिलाओं को आरक्षण दिया है, उससे हमसब का विकास हो रहा है और हमलोगों को समाज का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा है। महिलाओं में जागरुकता आई है, आत्मसम्मान और आत्मबल बढ़ा है। जीविका दीदियां स्वावलंबी हुई हैं और अपने परिवार को आगे बढ़ा रही हैं। हमलोग आपका धन्यवाद करते हैं और चाहते हैं कि आपका आशीर्वाद ऐसे ही बना रहे।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की इस बैठक में आप सभी का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि शुरू से ही हमलोगों ने महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया है। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरूआत की गयी। वर्ष 2013 से पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। अब बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या 30 हजार से अधिक है. जो
देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2016 से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या बहुत कम थी। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूह का गठन किया जिसे ‘जीविका’ नाम दिया, इससे जुड़नेवाली महिलाओं को हमने ‘जीविका दीदी कहा। उस समय की केंद्र सरकार ने यहां की जीविका समूह के कार्यों को देखा और उसकी प्रशंसा की तथा पूरे देश में ‘आजीविका’ नाम से इस योजना को चलाया। उन्होंने कहा कि अब स्वयं सहायता समूह की संख्या 10 लाख 63 हजार से भी अधिक हो गयी है जिसमें ‘जीविका दीदियों की संख्या 1 करोड़ 35 लाख से ज्यादा हो गयी है। शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन हो रहा है जिनकी संख्या 36 हजार हो गयी है जिसमें लगभग 3 लाख 80 हजार जीविका दीदियां हैं। स्वयं सहायता समूहों का गठन लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 अप्रैल, 2025 से सभी जिलों में ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें आप सभी ने राज्य सरकार के द्वारा महिलाओं के लिए किये गये कार्यों की प्रशंसा की है। आपके महत्वपूर्ण सुझावों पर हमलोगों ने महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं-
1. सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 400 रूपये प्रति माह से बढ़ाकर 1100 प्रति माह किया जायेगा। सभी लाभार्थियों को जुलाई महीने से पेंशन बढ़ी हुई दर पर मिलेगी। सभी लाभार्थियों के खाते में यह राशि महीने के 10 तारीख को भेजना सुनिश्चित किया जायेगा।
2. जीविका परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को 3 लाख रुपये से ज्यादा के बैंक ऋण पर अब सिर्फ 7 प्रतिशत ब्याज देना होगा। स्वयं सहायता समूहों को पहले 3 लाख रुपये से ज्यादा के बैंक ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता था। अब ब्याज दर घटने के बाद बैंकों को ब्याज के रूप में दी जानेवाली अतिरिक्त राशि सरकार की ओर से दी जाएगी।
3. लड़कियों के विवाह कार्यक्रम आयोजन में सुविधा के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में विवाह भवन का निर्माण कराया जायेगा। इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों के द्वारा किया जाएगा।
4. जीविका से जुड़े सभी कर्मियों का मानदेय दोगुना किया जायेगा। इन कर्मचारियों के मानदेय वृद्धि की अतिरिक्त राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
5. ‘दीदी की रसोई का संचालन प्रखंड स्तर तक के सरकारी संस्थानों में किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में जाति आधारित गणना कराने के
दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली जिसमें अपर कास्ट, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित एवं मुस्लिम समुदाय के 94 लाख गरीब परिवार पाये गये। राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि इन लोगों के रोजगार हेतु 2 लाख रुपये प्रति परिवार की दर से सहायता दी जायेगी जिसकी शुरूआत हो चुकी है। पहले यह विचार था कि इस काम को पाँच साल में पूरा किया जायेगा। मेरी अब यह इच्छा है कि इन सभी परिवारों को एक साथ लाभ पहुँचाने की कार्रवाई अभी से ही की जाए इसके लिए मैंने अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। यह भी निर्देश दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर 2 लाख रुपये की सहायता राशि को थोड़ा और बढ़ा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर, 2005 में सरकार में आने के बाद हमलोग राज्य के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। महिलाओं के साथ-साथ सभी वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। पहले की सरकार ने राज्य के विकास के लिए कोई काम नहीं किया। पहले शाम के बाद लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे। अब लोग देर रात तक अपना काम कर घर लौटते हैं। पहले बजट का आकार बहुत कम था। अब बजट का आकार बहुत बढ़ गया है। अपनी यात्राओं के दौरान हम लोगों से संवाद करके समस्याएं जानते हैं और उनका समाधान करते हैं। हमारा अपना निजी कुछ नहीं है, हम लोगों के हित में काम करते हैं। सभी के विकास के लिए योजना बनाकर लगातार कार्य कर रहे हैं। आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद।
बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, वित्त विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर, समाज कल्याण विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयषी, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री हिमांशु शर्मा, जीविका की अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्रीमती अभिलाषा शर्मा सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण, सभी जिलों से आयी हुयी जीविका समूहों की प्रतिनिधिगण उपस्थित थीं जबकि सभी जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।