Nitish Kumar vs Opposition: शांत, सहज और मृदुल स्वभाव के धनी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने खास अंदाज में सियासत करने के लिए जाने जाते हैं। विपक्षी उन पर अक्सर कई तरह के हमले करते रहते हैं, बावजूद इसके वे अपने चिर-परिचित मुस्कुराहट के साथ बेहद सौम्य तरीके से कटाक्ष करके रह जाते हैं। सिर्फ अपने विकासात्मक कार्यों की बदौलत ही पूरे विपक्ष को मुद्दाविहीन कर दिया। उनके पास सरकार के किसी कार्य में खामी निकालने का कोई मसला ही नहीं बचा है।
मुख्यमंत्री अपनी नीतियो और दूरदर्शी विकासात्मक प्लानिंग की बदौलत प्ले ऑफेंसिव की भूमिका में रहे। इससे उनके आगे विपक्ष के आरोपों के तीर बेअसर साबित होते रहे। सीएम की सक्रियता का ही परिणाम है कि अनर्गल आरोप लगा हमेशा सुर्खियां बंटोरने वाले विरोधी एक झटके में ही मुद्दाविहीन नजर आने लगे हैं।
*एक तीर से दो शिकार*
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास योजनाओं को लेकर लगातार एक्शन में हैं और राज्य की जनता पर सौगातों की बौछार कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों में उन्होंने जहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया है तो वहीं कई इलाकों को विकास की पटरी पर सरपट दौड़ाने के लिए प्लानिंग भी शुरू कर दी है।
हाल के दिनों में ही इसकी बानगी भी देखने को मिली, जब मुख्यमंत्री ने बहुप्रतीक्षित पटना से राघोपुर तक की कनेक्टिविटी वाले 6 लेन पुल का लोकार्पण किया और फिर तुरंत राघोपुर दियारा इलाके के विकास की संभावनाओं की तलाश के लिए एक कमिटी गठित कर दी, जो विकास की संभावनाओं के सभी पहलुओं का अध्ययन कर कार्ययोजना तैयार करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कदम से राज्य के प्रमुख विरोधी दल में बेचैनी देखने को मिल रही है।
इसके अलावा पटना को देश में अपनी तरह का पहला डबल डेकर पुल की सौगात दी। राजधानी के सबसे व्यस्तम इलाके पटना जंक्शन से जीपीओ गोलंबर को राष्ट्रीय स्तर की सुविधा प्रदान करने के लिए मल्टी मॉडल हब, सब-वे एवं पार्किंग प्रदान किया। लोगों खासकर सुदूर इलाकों से आने वाले गंभीर रोगियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बेहतरीन सुविधा प्रदान करने के लिए पीएमसीएच के नए भवन का उद्घाटन किया। पटना को गया और आसपास के इलाके जोड़ने के लिए पटना के भूपतिपुर से महूली तक ऐलिवेटेड सड़क का तोहफा दिया है। इससे पटना के भूपतिपुर, मीठापुर, परसा समेत आसपास के पूरे इलाके को जाम की समस्या से मुक्ति मिल गई। पटना के दीघा से दीदारगंज तक जेपी गंगा पाथ-वे का विस्तार पथ का उद्घाटन किया। इससे दीघा से दीदारगंज एकदम सीधी सड़क से बिना किसी जाम की समस्या के जुड़ गए हैं।
*सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि बढ़ी करीब तीन गुना*
सामाजिक न्याय और विकास के नैरेटिव को स्थापित करने में कामयाब होने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि को बढ़ाकर करीब तीन गुना कर दी है। इसके तहत सभी वृद्धजन, दिव्यांगजन और विधवा महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की, जिसके तहत अब हर महीने 400 रुपये की जगह 1100 रुपये पेंशन मिलेगी। सभी लाभार्थियों को जुलाई महीने से ही बढ़ी हुई दर पर पेंशन मिलेगी। मुख्यमंत्री के इस बड़े फैसले से 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लाभार्थियों को मदद मिलेगी।
*‘रोजगार मतलब – नीतीश कुमार’*
वहीं, ‘रोजगार मतलब – नीतीश कुमार’ के नारे को राज्य सरकार ने एकबार फिर सही साबित किया है। लाखों रोजगार देने के वादे को निभाने की दिशा में मुख्यमंत्री ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए हाल ही में बिहार पुलिस के 21,391 जवानों को नियुक्ति-पत्र बांटा है। इनमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है। इस कार्यक्रम के दौरान ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी को जल्द से जल्द 55 हजार और सिपाहियों की बहाली का भी निर्देश दिया और कहा कि इसके बाद जो 22 हजार और बचा हुआ है, उसे भी तेजी से पूरा कीजिए।
यही नहीं, मार्च महीने में सक्षमता परीक्षा-2 उत्तीर्ण 59 हजार 28 विशिष्ट शिक्षकों के बीच भी नियुक्ति-पत्र का वितरण किया। इसके बाद 9 मार्च को भी गांधी मैदान में बीपीएससी द्वारा चयनित 51 हजार 389 शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने 25 जून को ‘संवाद’ में भवन निर्माण विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित 101 सहायक वास्तुविदों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किया। वहीं, 19 मई को 315 नवचयनित प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों को भी नियुक्ति-पत्र सौंपा।
*बेहतर कानून-व्यवस्था नीतीश सरकार की यूएसपी*
बिहार में कानून-व्यवस्था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यूएसपी रही है लिहाजा लॉ एंड ऑर्डर से कभी समझौता नहीं करने वाले सीएम नीतीश कुमार के कार्यकाल में पुलिसकर्मियों की संख्या तीन गुनी बढ़ गई है। वर्ष 2005 में कार्यरत पुलिस बल की संख्या मात्र 42 हजार 481 थी, जो वर्ष 2025 में सवा लाख से अधिक हो गई। फिलहाल लॉ एंड ऑर्डर को और बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस बल की बहाली हो रही है। मौजूदा सरकार की उपलब्धियों की बात करें तो राज्य में संगठित अपराध पर लगाम लग चुका है, वहीं, नक्सली घटनाएं अब इतिहास की बात हो गई है।
लंबित मामलों के तेजी से निपटारे और बड़ी संख्या में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट नायब और कोर्ट प्रभारी नियुक्त किए जा रहे हैं। कोर्ट प्रभारी दारोगा या इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारी होंगे जबकि कोर्ट नायब भी पुलिस पदाधिकारियों में ही चयन करके बनाया जाएगा। न्याय के साथ विकास का मूलमंत्र अपनाने वाले मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि अपराध नियंत्रण में किसी तरह की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।