Fauja Singh Accident: पंजाब के करतारपुर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब 114 वर्षीय बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह को कार से टक्कर मारने वाला अनिवासी भारतीय (NRI) अमृतपाल सिंह ढिल्लों आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। यह घटना सोमवार को ब्यास पिंड के पास हुई थी, जब ‘पगड़ीधारी तूफान’ के नाम से मशहूर फौजा सिंह सुबह की सैर पर निकले थे।
कैसे पुलिस की पकड़ में आया आरोपी?
पुलिस ने घटना के बाद तेजी से जांच शुरू की। घटनास्थल से मिले CCTV फुटेज और फॉर्च्यूनर कार के शीशे के टुकड़े अहम सुराग साबित हुए। फुटेज के आधार पर पुलिस ने जब संदिग्ध गाड़ियों की सूची बनाई, तो पता चला कि वाहन वरिंदर सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है, जो कपूरथला के निवासी हैं। जब पुलिस उनके पास पहुंची, तो उन्होंने बताया कि गाड़ी 2 साल पहले अमृतपाल सिंह ढिल्लों को बेची जा चुकी है, जो हाल ही में कनाडा से भारत लौटा था।
गांव से दबोचा गया आरोपी, हादसे के बाद भाग गया था
पुलिस ने आरोपी को जालंधर से देर रात गिरफ्तार किया। पूछताछ में ढिल्लों ने कबूल किया कि वह मुकेरियां से फोन बेचकर लौट रहा था, जब यह हादसा हुआ। उसने स्वीकार किया कि टक्कर के बाद वह घबरा गया और बुजुर्ग की पहचान तक नहीं की। फौजा सिंह जैसे धावक को चोट पहुंचाने पर अफसोस जताते हुए उसने कहा कि उसे यह नहीं पता था कि वह किसे टक्कर मार रहा है।
कौन थे फौजा सिंह?
- फौजा सिंह ने 89 साल की उम्र में मैराथन दौड़ना शुरू किया था।
- वह 100 साल की उम्र में मैराथन पूरी करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बने।
- उन्हें ‘Pagdi-wale Toofan’ यानी ‘पगड़ीधारी तूफान’ के नाम से जाना जाता था।
- 2012 लंदन ओलिंपिक में वे मशाल वाहक भी रहे थे।
- सिंह की सादगी, फिटनेस और जज़्बा आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा है।
अब क्या होगा?
पुलिस ने धारा 304A (लापरवाही से मौत) के तहत केस दर्ज किया है और अमृतपाल से पूछताछ जारी है।
भोगपुर थाने में मेडिकल परीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है।
हालांकि, इस हादसे ने पंजाब और दुनिया भर के भारतीयों को झकझोर दिया है, जिन्होंने फौजा सिंह को एक जीवंत प्रेरणा के रूप में देखा।