Operation Sindoor News: भारतीय सशस्त्र बलों ने रविवार को ऑपरेशन सिंदूर पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि भारतीय नौसेना की रणनीतिक तैनाती और जबरदस्त समुद्री शक्ति ने पाकिस्तान को सीजफायर के लिए तत्काल अनुरोध करने पर मजबूर किया। नौसेना संचालन महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा किए गए कायराना हमले के बाद नौसेना ने अरब सागर में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।
पहलगाम हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। वाइस एडमिरल प्रमोद ने बताया कि नौसेना ने हमले के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में हथियारों की फायरिंग के जरिए अपनी रणनीति और तत्परता को परखा, जिससे चालक दल, आयुध और उपकरणों की सटीकता को सुनिश्चित किया गया।
नौसेना की रणनीतिक तैनाती और कराची पर निशाना
वाइस एडमिरल प्रमोद ने खुलासा किया कि नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में कैरियर बैटल ग्रुप, सर्फेस फोर्सेज, पनडुब्बियों और विमानन परिसंपत्तियों को तैनात किया था, जो समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों, जिसमें पाकिस्तान का आर्थिक केंद्र कराची भी शामिल था, पर हमला करने के लिए तैयार थी। इस तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को अपने बंदरगाहों या तटों तक सीमित रहने पर मजबूर कर दिया।
उन्होंने कहा, “थल सेना और वायु सेना की गतिशील कार्रवाइयों के साथ, नौसेना की समुद्री श्रेष्ठता ने पाकिस्तान को शनिवार को सीजफायर के लिए अनुरोध करने पर विवश किया।” यह सीजफायर समझौता दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच 10 मई को दोपहर 3:35 बजे हुई बातचीत के बाद प्रभावी हुआ, जिसमें शाम 5:00 बजे से सभी सैन्य कार्रवाइयां रोकने पर सहमति बनी।
पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, भारत की कड़ी चेतावनी
हालांकि, सीजफायर लागू होने के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियों के जरिए समझौते का उल्लंघन किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे “आपसी समझ का उल्लंघन” करार देते हुए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। वाइस एडमिरल प्रमोद ने स्पष्ट किया कि भारतीय नौसेना अरब सागर में निगरानी और निवारक मुद्रा में तैनात है, और किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार है।
तीनों सेनाओं का समन्वय और भविष्य की रणनीति
प्रमोद ने तीनों सेनाओं—थल सेना, नौसेना और वायु सेना—के बीच अभूतपूर्व समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारी कार्रवाइयां सुनियोजित, संयमित और गैर-उत्तेजक थीं।” ऑपरेशन सिंदूर के तहत लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें आईसी-814 अपहरण और पुलवामा हमले के सरगनाओं सहित प्रमुख आतंकवादी मारे गए।
विशेषज्ञों का मानना है कि नौसेना की इस रणनीति ने न केवल पाकिस्तान पर सैन्य दबाव बनाया, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को भी रेखांकित किया। हालांकि, पाकिस्तान के बार-बार उल्लंघन के कारण सीजफायर की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं।
जैसा कि वाइस एडमिरल प्रमोद ने चेतावनी दी, “अगर पाकिस्तान ने कोई और हरकत की, तो उन्हें पता है कि हम क्या करेंगे।” भारत की यह कड़ी रुख और नौसेना की तैनाती क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए एक मजबूत संदेश है।