नई दिल्ली: भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिन्दूर द्वारा पहलगाम आतंकवादी घटना के लिए उत्तरदायी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों एवं उनको पालनेवाली पाकिस्तान सेना मुंहतोड़ जवाब दिया। ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान हमारे वीर सैनिकों द्वारा दिखाए गए शौर्य एवं वीरता को सम्मानित करने एवं सेना का उत्साह वर्धन करने के लिए समाज की सज्जन एवं मातृ शक्ति द्वारा बुधवार 4 जून को ऑपरेशन सिंदूर शौर्य अभिनंदन यात्रा का आयोजन किया गया। इसमें गुरुद्वारा शीशगंज,आर्य समाज इत्यादि संगठनों की भी सहभागिता रही।
गौरी शंकर मंदिर चांदनी चौक से फतेहपुरी और वापस गौरी शंकर मंदिर तक आयोजित इस यात्रा में हजारों की संख्या में समाज की बहनों एवं भाइयों ने भाग लिया।
निरंजनी अखाड़े की साध्वी दीदी रेणुका जी निरंजनी आश्रम गंगोत्री, किरण चौपड़ा जी निदेशिका पंजाब केसरी दैनिक समाचार पत्र तथा लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी जी इस कार्यक्रम में पूरा समय उपस्थित रहे । उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के पराक्रम से पाकिस्तान घुटनों पर आ गया गिड़गिड़ाया और माफी मांगी। भारत की सभ्यता संस्कृति की आत्मा में नारी का सम्मान है। रामायण, महाभारत जैसे ऐतिहासिक युद्ध नारी सम्मान में हुए। उन्होंने कहा कि अनेक वर्षों बाद आज भारत पुनः अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है।
यात्रा को संबोधित करते हुए आध्यात्मिक एवं सनातन धर्म प्रचारक साध्वी रेणुका दीदी ने कहा कि भारत अब नया भारत है साधु आशीर्वाद देने का काम भी करते हैं और समाज को जगाने का काम करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर देश के लिए मर मिटने का भी काम करते हैं हर कदम पर त्याग लिखा है, हर देश वासी को संगठित होकर सैनिकों के सम्मान में और देश को एक जुट होकर खड़े होना है
उन्होंने कहा कि उन्होंने धर्म पूछ कर मारा था लेकिन हमने घर में घुस कर धर्म बता कर मारा है। लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी जी ने अपनी सेना ने किस प्रकार अंजाम दिया सब बताया अपने सभी क्रांतिकारियों शहीदों को याद करते हुए उन्होंने चेताया कि यदि एक भी आतंकवादी घटना पाकिस्तान की तरफ से हुई तो अब इसी प्रकार की कार्यवाही देश की सेना के द्वारा होगी
सभी ने देश के नेतृत्व को सराहते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दृढ़ संकल्प और देश के प्रति अगाध प्रेम की चर्चा की
श्रीमती किरण चौपड़ा जी ने मेरा रंग दे बसंती चोला गीत गाया और कहा कि आतंकवाद की पीड़ा उनसे बेहतर कौन महसूस कर सकता है उन्होंने आतंकियों के हाथों अपने दादा ससुर और पिता ससुर को खोया है
संगीता त्यागी ने राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियां चाह नहीं मै सुरबाला के गहनों में गूथा जाऊं चाह नहीं प्रेमी माला में बिंद्ध प्यारी को ललचाऊं चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि डाला जाऊं चाह नहीं देवो के सिर पर चढ़ भाग्य पर इठलाऊं मुझे तोड़ लेना वन माली उस पथ पर देना तुम फेंक मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पर जावे वीर अनेक
पढ़कर एक सैनिक के भावों को नमन किया और देश की परंपरा का जिक्र करते हुए कि बहन बेटियों का इस देश में पूजन होता है उस देश की बेटियों के माथे से सिंदूर मिटा दिया जाए उसके बदले तो गर्दन ही उड़ा दी जाती हैं वही काम हमारी सेना ने किया है
सिंदूर के महत्व को बताते हुए कहा कि जैसे त्रेता युग में हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाया था वैसे ही ऑपरेशन सिंदूर नाम देकर हमारी सेना ने शौर्य का प्रदर्शन किया।