प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार और पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने कई बड़ी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरे को न केवल विकास से जोड़कर देखा जा रहा है, बल्कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और पश्चिम बंगाल की सियासी हलचल के संदर्भ में भी बेहद अहम माना जा रहा है।
बिहार को पीएम मोदी की सौगातें
बिहार में प्रधानमंत्री का लगभग चार घंटे का दौरा तय है। इस दौरान उन्होंने गया, पटना और बेगूसराय जिलों में कई परियोजनाओं की नींव रखी। बक्सर बिजली परियोजना: 6,880 करोड़ रुपए की लागत से बनी 660 मेगावाट की यह परियोजना बिहार की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगी।
मुजफ्फरपुर का होमी भाभा कैंसर अस्पताल: स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी सुधार के तौर पर देखा जा रहा है।
मुंगेर सीवरेज और एसटीपी प्रोजेक्ट: 520 करोड़ रुपए की लागत से स्वच्छता और जल प्रबंधन को नई दिशा मिलेगी।
शहरी बुनियादी ढांचे का विस्तार: 1,260 करोड़ रुपए के निवेश से शहरी विकास को बल मिलेगा।
गया-दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस और बौद्ध सर्किट ट्रेन: पर्यटन और तीर्थयात्रा को नई उड़ान मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना: 16,260 लाभार्थियों को नए घर सौंपे गए।
औंटा-सिमरिया पुल (1,870 करोड़ रुपए): उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच भारी वाहनों की आवाजाही अब और सुगम होगी।
इन परियोजनाओं को बिहार के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार दोनों के लिहाज से बड़ा कदम माना जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में विकास की रफ्तार
बिहार के बाद प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल के दमदम पहुंचे, जहां उन्होंने मेट्रो और सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
कोलकाता मेट्रो की तीन नई परियोजनाएं:
नोआपाड़ा-जय हिंद विमानबंदर
सियालदह-एस्प्लेनेड
बेलेघाटा-हेमंत मुखोपाध्याय मार्ग
कुल 13.61 किमी नए मेट्रो नेटवर्क का शुभारंभ
हावड़ा मेट्रो स्टेशन पर नया सबवे
1,200 करोड़ रुपए की कोना एक्सप्रेसवे परियोजना का शिलान्यास
इन परियोजनाओं से बंगाल के शहरी परिवहन और यातायात व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री का यह दौरा राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम है। बिहार में कांग्रेस अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाल रही है, वहीं बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) केंद्र सरकार को प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर घेर रही है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के कार्यक्रम से दूरी बनाई और इसे “प्रवासी भारतीयों की अनदेखी” का मामला बताया। इससे साफ है कि यह दौरा विकास के साथ-साथ राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों के लिए विकास और चुनावी राजनीति की दृष्टि से ऐतिहासिक माना जा रहा है। जहां बिहार को ऊर्जा, स्वास्थ्य और आवास की सौगात मिली, वहीं बंगाल को मेट्रो और एक्सप्रेसवे से नई रफ्तार दी गई।