India Bangladesh News: : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचे, जहां उन्होंने छठे बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान थाईलैंड की पीएम पैतोंगतार्न शिनावात्रा द्वारा आयोजित रात्रिभोज में पीएम मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस एक साथ बैठे नजर आए। यह मुलाकात इसलिए खास है, क्योंकि पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के सत्ता से हटने और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव बढ़ा है। शुक्रवार को दोनों नेताओं के बीच औपचारिक वार्ता की संभावना भी जताई जा रही है। इसके अलावा, पीएम मोदी ने थाईलैंड के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया। आइए जानते हैं पीएम मोदी की इस यात्रा की ताजा अपडेट्स।
BIMSTEC डिनर में PM मोदी और यूनुस साथ-साथ
शांगरी-ला होटल में आयोजित BIMSTEC नेताओं के रात्रिभोज में पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस को एक साथ देखा गया। यूनुस के कार्यालय ने तस्वीरें साझा कीं, जिसमें वे चाओ फ्राया नदी के किनारे बने इस होटल में पीएम मोदी के बगल में बैठे हैं। यह पहली बार है जब दोनों नेता शेख हसीना के भारत आने के बाद आमने-सामने आए। PTI के मुताबिक, शुक्रवार को छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन से इतर दोनों के बीच औपचारिक बैठक हो सकती है। यह मुलाकात यूनुस की हालिया चीन यात्रा के बाद और भी अहम हो जाती है, जहां उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को “लैंडलॉक्ड” कहकर विवाद खड़ा किया था, जिसे भारत ने सख्ती से खारिज किया था।
भारत-थाईलैंड रणनीतिक साझेदारी
पीएम मोदी ने थाईलैंड की पीएम पैतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की, जिसमें दोनों देशों ने अपने संबंधों को “रणनीतिक साझेदारी” के स्तर तक ले जाने का फैसला किया। इस दौरान NSA अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत और थाईलैंड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त, समावेशी और नियम-आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं। हम विस्तारवाद में नहीं, विकासवाद में विश्वास करते हैं।”
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समझौते: दोनों देशों ने MSME, डिजिटल तकनीक, और पूर्वोत्तर भारत में सहयोग के लिए कई MoU पर हस्ताक्षर किए।
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मानव तस्करी पर सहयोग: थाईलैंड ने हाल ही में म्यांमा में फर्जी नौकरी गिरोह से 549 भारतीयों को छुड़ाने में मदद की थी। पीएम मोदी ने इसके लिए थाई सरकार का आभार जताया और मानव तस्करी व अवैध प्रवास से निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों पर सहमति जताई।
भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में थाईलैंड की भूमिका
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण में थाईलैंड का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा, “हमने सुरक्षा एजेंसियों के बीच ‘रणनीतिक वार्ता’ शुरू करने पर भी चर्चा की। भारत आसियान एकता और केंद्रीयता का समर्थन करता है।” इसके साथ ही, पीएम ने 28 मार्च को थाईलैंड में आए भूकंप से हुई जनहानि पर संवेदना जताई और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
यूनुस से मुलाकात का महत्व
पीएम मोदी और यूनुस की संभावित मुलाकात भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए अहम है। शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले और वहां कट्टरपंथी ताकतों के बढ़ते प्रभाव से भारत चिंतित है। यूनुस की चीन यात्रा और पूर्वोत्तर पर उनकी टिप्पणी ने तनाव को और बढ़ाया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने BIMSTEC बैठक में इसे “चेरी-पिकिंग” करार देते हुए कहा था कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बिम्सटेक का कनेक्टिविटी हब है। क्या यह मुलाकात तनाव को कम करेगी, यह देखना बाकी है।