President Rule in Manipur: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पद से एन. बिरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार ने वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। पिछले काफी समय से राज्य में जारी जातीय हिंसा और कई लोगों की मौत को लेकर मुख्यमंत्री बिरेन सिंह विपक्ष के निशाने पर थे। बिरेन सिंह ने 31 दिसंबर 2024 को इंफाल में अपने सरकारी आवास पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सार्वजनिक रूप से प्रदेश की जनता से माफी भी मांगी थी।
बिरेन सिंह ने कहा था कि साल 2024 बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। पिछली 3 मई से लेकर आज तक प्रदेश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए मैं राज्य की जनता से माफी मांगना चाहता हूं। राज्य में हुई हिंसा में कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है। कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा, मुझे इस बात का पछतावा है और मैं माफी माँगता हूँ। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई थी कि नए साल में हालात सामान्य हो जाएंगे मगर अचानक 9 फरवरी को उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से राज्य में नए मुख्यमंत्री के लिए कवायद शुरू हो गई थी मगर इस बीच केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी।
क्या होता है राष्ट्रपति शासन?
जब किसी राज्य में वहां की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल पाती तब वहां पर केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रपति शासन की संस्तुति की जाती है। राष्ट्रपति शासन लगाने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 356 के अनुसार लिया जाता है। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद प्रदेश की शासन व्यवस्था में कई बदलाव होते हैं। राष्ट्रपति द्वारा अपने प्रतिनिधि के तौर पर प्रदेश के राज्यपाल को प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालने का दायित्व दिया जाता है। राज्यपाल केंद्र के निर्देशानुसार काम करते हैं। राष्ट्रपति शासन अधिकतम 6 महीने के लिए लागू किया जा सकता है, मगर संसद से अनुमति मिलने पर इसे 3 साल तक के लिए बढ़ाया भी जा सकता है।