चंडीगढ़, 18 सितम्बर: पंजाब के मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य के अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में लगातार ऐतिहासिक कदम उठा रही है।पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, पंजाब की कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग की प्रमुख पहलों के बारे में जानकारी साझा की।
पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम – 35% की ऐतिहासिक वृद्धि
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम को वर्षों से चले आ रहे विवादों और अनियमितताओं से बाहर निकाला है। फंडों की हेराफेरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है और अब एक-एक रुपया सीधे जरूरतमंद विद्यार्थियों की शिक्षा पर खर्च हो रहा है।
2022 में 1,76,842 विद्यार्थियों ने इस योजना का लाभ लिया था। आज यह संख्या बढ़कर 2,37,456 तक पहुँच गई है — केवल तीन वर्षों में 35% की वृद्धि। पिछले पाँच वर्षों के शासन काल में केवल 3.71 लाख विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति मिली थी, जबकि मौजूदा तीन वर्षों में 6.78 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं।
वर्ष 2025-26 के लिए 2.70 लाख विद्यार्थियों का लक्ष्य रखा गया है। स्कूलों और कॉलेजों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि कोई भी योग्य विद्यार्थी इस स्कीम से वंचित न रह जाए।
इसके अतिरिक्त, टॉप क्लास एजुकेशन इन कॉलेजेज़ फॉर OBC, EBC और DNT स्कीम के अंतर्गत जिन विद्यार्थियों की पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है और जो एआईआईएमएस बठिंडा, आई.आई.टी. रोपड़, एन.आई.टी. जालंधर, आई.आई.एम. अमृतसर, एन.आई.पी.ई.आर. मोहाली, एन.आई.टी. मोहाली, आई.एस.आई. चंडीगढ़, थापर कॉलेज पटियाला, राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी (आर जी एन यू एल पटियाला), आई.आई.एस.ई.आर. मोहाली और आई.एच.एम. गुरदासपुर जैसी 11 प्रमुख संस्थाओं में पढ़ रहे हैं, उन्हें भी वज़ीफ़ा जारी किया जाएगा।
विदेशी छात्रवृत्ति योजना – प्रतिभाशाली युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि सरकार ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों और भूमिहीन खेत मज़दूरों के बच्चों के लिए एक परिवर्तनकारी विदेशी छात्रवृत्ति योजना शुरू की है। योग्य विद्यार्थी (35 वर्ष से कम आयु, न्यूनतम 60% अंक, माता-पिता की वार्षिक आय ₹8 लाख से कम) अब दुनिया की शीर्ष 500 यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ाई कर सकेंगे।
सरकार की ओर से वीज़ा, हवाई टिकट, ट्यूशन फीस, वार्षिक रख-रखाव भत्ता (₹13.17 लाख), आपातकालीन भत्ता (₹1.35 लाख) और चिकित्सकीय बीमा प्रदान किया जाएगा।
विद्यार्थिनियों के लिए 30% आरक्षण समान अवसर सुनिश्चित करेगा। प्रति परिवार अधिकतम दो बच्चों तक लाभ ले सकते हैं, हालांकि प्रत्येक विद्यार्थी केवल एक बार ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेगा।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि एन.ओ.एस. पोर्टल (https://nosmsje.gov.in) 15 सितम्बर से 24 अक्टूबर 2025 तक शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए ऑनलाइन आवेदन हेतु खुला रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह योजना पंजाब के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए अवसरों के नए दरवाज़े खोलेगी और अब माता-पिता को बच्चों को विदेश भेजने के लिए संपत्ति गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
अम्बेडकर इंस्टीट्यूट में पी.सी.एस. क्रैश कोर्स
डॉ. बलजीत कौर ने घोषणा की कि अम्बेडकर इंस्टीट्यूट, मोहाली में एस.सी., बी.सी. और अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को सिविल सेवाओं के लिए तैयार करने हेतु दो महीने का पी.सी.एस. क्रैश कोर्स शुरू किया जा रहा है।
आवेदन 17 से 26 सितम्बर तक (ऑफ़लाइन और ईमेल द्वारा) खुले रहेंगे। 30 सितम्बर को प्रवेश परीक्षा के माध्यम से 40 योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
संस्थान को 1.47 करोड़ रुपये खर्च कर अपग्रेड किया गया है और अतिरिक्त 1.22 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। प्रोफेसरों का मानदेय ₹750 से बढ़ाकर ₹1,500 प्रति घंटा कर दिया गया है, ताकि प्रमुख विद्वानों को प्रशिक्षक के रूप में आकर्षित किया जा सके।
पंजाब सरकार की वचनबद्धता
इस अवसर पर डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार एस.सी., बी.सी. और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
“हमारा लक्ष्य पंजाब के हर योग्य बच्चे के लिए उच्च शिक्षा को सुलभ, किफ़ायती और आकर्षक बनाना है। शिक्षा के माध्यम से ही हम अपने विद्यार्थियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते हैं,” उन्होंने कहा।