RBI CUT Repo Rate 25 bps: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (RBI MPC Meeting) ने बड़ा फैसला लिया है. RBI गवर्नर सजय मल्होत्रा ने घोषणा की कि रेपो रेट में 0.25% की कटौती की गई है. पहले यह दर 6.25% थी, जिसे अब घटाकर 6% कर दिया गया है, लेकिन आम आदमी के लिए यह फैसला क्या मायने रखता है? चलिए आसान भाषा में समझते हैं.
रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर RBI देश के बैंकों को कर्ज देता है. जब रेपो रेट घटती है, तो बैंक भी सस्ते में पैसा उधार ले सकते हैं. इसका सीधा असर आपके लोन और EMI पर पड़ता है.
रेपो रेट घटने का सीधा असर किन-किन पर होगा?
1. घर, कार और पर्सनल लोन लेने वालों को राहत
अगर आपने बैंक से होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लिया है या लेने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए अच्छी है. रेपो रेट घटने से बैंक भी अपने लोन पर ब्याज दरें कम कर सकते हैं. यानी आपकी EMI कुछ हद तक घट सकती है.
2. नए लोन लेने वालों को फायदा
जो लोग नया लोन लेना चाहते हैं, उन्हें अब सस्ती दरों पर लोन मिलने की उम्मीद है. इससे रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर में भी मांग बढ़ सकती है.
3. बचत खातों और FD पर असर
जहां लोन सस्ता होगा, वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी कम हो सकता है. यानी जो लोग अपने पैसे बैंक में जमा करके ब्याज कमाते हैं, उनकी आमदनी पर थोड़ा असर पड़ सकता है.
4. बिजनेस सेक्टर को राहत
छोटे और मध्यम व्यापारियों को बैंक से सस्ता लोन मिलेगा, जिससे वे अपने व्यापार को बढ़ा सकते हैं. इससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और नौकरियों के अवसर भी बढ़ सकते हैं.
रेपो रेट घटाने के पीछे की सोच
RBI यह कदम महंगाई को नियंत्रित करने और बाजार में तरलता बनाए रखने के लिए उठाती है. जब रेपो रेट घटती है, तो बाजार में पैसों का प्रवाह बढ़ता है, जिससे मांग बढ़ती है और आर्थिक विकास को गति मिलती है.
RBI की इस रेपो रेट कटौती का असर हर उस इंसान पर पड़ेगा जो बैंक से लोन लेता है या FD में पैसा जमा करता है. EMI भरने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, जबकि जमा पर ब्याज कम हो सकता है. कुल मिलाकर यह फैसला अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है.