नई दिल्ली: बदलती जीवनशैली और डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग के चलते आजकल बच्चों और युवाओं में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) तेजी से बढ़ रहा है। इसी गंभीर होती समस्या को देखते हुए सफदरजंग अस्पताल में एक समर्पित मायोपिया क्लिनिक की स्थापना की गई है।
यह क्लिनिक नेशनल मायोपिया वीक के अवसर पर 14 नवंबर को शुरू की गई। इसका उद्घाटन डॉ. चारु बाम्बा (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट) द्वारा किया गया। इस अवसर पर नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ. अनुज मेहता , मायोपिया क्लिनिक के प्रभारी डॉ. पंकज रंजन भी उपस्थित रहे।
- मायोपिया क्लिनिक की आवश्यकता क्यों?
- पिछले कुछ वर्षों में मायोपिया की दरें तेजी से बढ़ी हैं।
- बच्चों का स्क्रीन टाइम अत्यधिक बढ़ गया है।
- आउटडोर गतिविधियाँ कम हो गई हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई और डिजिटल लाइफस्टाइल ने आंखों पर अतिरिक्त दबाव डाला है।
इन कारणों से बच्चों में चश्मे का नम्बर तेजी से बढ़ने, उच्च मायोपिया तथा आगे चलकर रेटिना संबंधी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए एक समर्पित क्लिनिक की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
- मायोपिया क्लिनिक क्या करेगी?
- सफदरजंग अस्पताल की यह नई क्लिनिक निम्न सेवाएं प्रदान करेगी—
- बच्चों में मायोपिया की जल्द पहचान और नियमित मॉनिटरिंग
- मायोपिया कंट्रोल उपचार, जैसे लो-डोज एट्रोपिन आई ड्रॉप्स ऑखों-के लेंस
- मायोपिया कंट्रोल ग्लासे
- स्क्रीन टाइम एवं विज़ुअल हाइजीन पर विशेषज्ञ परामर्श
- माता-पिता के लिए जागरूकता एवं काउंसलिंग
- उच्च मायोपिया वाले बच्चों के लिए रेटिना जांच और निवारक देखभाल
- जीवनशैली में सुधार और आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु मार्गदर्शन
भविष्य की दृष्टि सुरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
सफदरजंग अस्पताल का यह कदम न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में मायोपिया नियंत्रण की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल है। यह क्लिनिक बच्चों की आंखों को सुरक्षित रखने, समय पर उपचार उपलब्ध कराने और समग्र जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।






