Delhi Bulldozer Action: दिल्ली के चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी इलाके में चल रहे बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तत्काल रोक लगा दी। अदालत ने साफ कहा कि जब तक अगला आदेश नहीं आता, ना तो किसी आवासीय भवन को तोड़ा जाएगा और ना ही किसी व्यावसायिक परिसर में बदलाव होगा।
MCD पर भड़की सुप्रीम कोर्ट, बोली– बिल्डरों से मिलीभगत के संकेत
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने एमसीडी की कार्यशैली पर तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने इलाके की तस्वीरें देखने के बाद कहा:
“अगर अवैध निर्माण नहीं रोके जा रहे तो यह साफ संकेत है कि एमसीडी के कुछ अधिकारी बिल्डरों से मिले हुए हैं।”
कोर्ट ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए और कहा कि अगर यह रिपोर्ट समय पर नहीं आई, तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
अदालत ने मांगे स्वतंत्र इंजीनियरों के नाम, बोले– MCD की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से आग्रह किया कि वह कुछ स्वतंत्र सिविल इंजीनियरों के नाम सुझाएं जो मौके पर जाकर निरीक्षण कर सकें और एक निष्पक्ष रिपोर्ट सौंप सकें।
“हमें MCD की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है, हम मौके का स्वतंत्र निरीक्षण करवाना चाहते हैं।” — सुप्रीम कोर्ट
23 मई को अगली सुनवाई, हो सकती है CBI जांच की घोषणा
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 मई तय की है। उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी को कोर्ट ने यह संकेत दिया था कि फतेहपुरी इलाके में हो रहे कथित अवैध निर्माण की जांच CBI से करवाई जा सकती है, क्योंकि MCD बार-बार विफल साबित हो रही है।
MCD का बचाव: “टीम ने दौरा किया, अवैध निर्माण हटा दिए गए”
एमसीडी के वकील ने कोर्ट में कहा कि एक विशेष टीम ने क्षेत्र का दौरा किया और रिपोर्ट तैयार की, लेकिन छुट्टियों के कारण रिपोर्ट रिकॉर्ड में पेश नहीं की जा सकी।
क्या दिल्ली की सबसे पुरानी गलियों में भी कानून हार रहा है?
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती इस ओर इशारा करती है कि दिल्ली के ऐतिहासिक क्षेत्रों में नियम-कानून सिर्फ कागज़ पर हैं, ज़मीन पर नहीं। अगली सुनवाई में CBI जांच की संभावनाएं इस मामले को और बड़ा बना सकती हैं।