कविता : नववर्ष 2026 पर विशेष: नये साल का हौसला !
1. नया साल है, नई सुबह है उम्मीदों की है नई रोशनी ठोकर खाओ, गिरो, संभलो मंजिल की ओर बढ़ते ...
1. नया साल है, नई सुबह है उम्मीदों की है नई रोशनी ठोकर खाओ, गिरो, संभलो मंजिल की ओर बढ़ते ...
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