संख्या बल से नहीं, गरिमापूर्ण आचरण से बढती है विपक्ष की ताकत। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में दिखा विपक्ष का विद्रूप चेहरा- डॉ संतोष कुमार सुमन।
कड़वा सत्य डेस्क
प्रोवैधिकी एवं लघु सिंचाई मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन ने लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर ओम बिरला को बधाई दी और अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मत चुनाव की परंपरा तोड़ने वाले विपक्ष की कड़ी निंदा की। डॉ सुमन ने कहा कि सदन के भीतर केवल संख्या बल बढने से विपक्ष मजबूत नहीं होता, बल्कि संसदीय परंपरा का पालन करने से उसकी विश्वसनीयता और शक्ति बढती है।
उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा में कांग्रेस सौ सीट भी नहीं जीत पाई, जबकि एनडीए का नेतृत्व करने वाली भाजपा की सीटें (240) सम्पूर्ण विपक्ष (234) से अधिक हैं, फिर भी विपक्ष का रवैया परम्पराओं के विरुद्ध और हर काम में अड़ंगेबाजी करने वाला है।
डॉ सुमन ने कहा कि पहले प्रोटेम स्पीकर के नाम पर असहमति, फिर स्थायी अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मत करने के लिए डिप्टी स्पीकर पद की मांग कर सौदेबाजी करना और अंत में अध्यक्ष पद के लिए के सुरेश को उम्मीदवार बनाकर मतविभाजन की नौबत लाना एक अशोभनीय उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पहले ही सत्र में विपक्ष ने अपने आचरण से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की छवि को कलंकित किया।