UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में मानसून अब पूरी तरह एक्टिव हो चुका है, और इसका असर प्रदेश के लगभग हर कोने में दिखने लगा है। बीते कुछ दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने न केवल तपिश को कम किया है, बल्कि लोगों को उमस और लू से भी राहत दिला दी है। मौसम विभाग के अनुसार, 1 जुलाई 2025 को प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है। खासकर पश्चिमी जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
पश्चिमी यूपी में रेड अलर्ट
पश्चिम यूपी में मथुरा, आगरा, एटा, इटावा, औरैया और जालौन जैसे जिलों में मंगलवार को भयंकर बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। यहां गरज-चमक के साथ भारी जलवृष्टि की स्थिति बन सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जैसे जिलों में भी मूसलाधार बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं कुछ जगहों पर जलभराव और सड़क परिवहन में बाधा जैसी स्थिति बन सकती है।
पूर्वी यूपी में गरज-चमक के साथ तेज बारिश का अलर्ट
बांदा, चित्रकूट, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और कानपुर देहात जिलों में भी भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही इन क्षेत्रों में बिजली चमकने और तेज हवाओं के साथ वर्षा की स्थिति बनी रहेगी। लखनऊ, अमेठी, सुल्तानपुर, बाराबंकी, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर और अलीगढ़ में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ बादल गरजने की संभावना है।
क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक?
मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, जून महीने में उत्तर प्रदेश में सामान्य से 11% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। बंगाल की खाड़ी से आ रही लगातार नमी और ट्रफ लाइन की सक्रियता के कारण मानसूनी हवाएं पूरे प्रदेश में तेजी से सक्रिय बनी हुई हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 1 जुलाई के बाद बारिश की मुख्य पट्टी धीरे-धीरे दक्षिण यूपी की ओर खिसकने लगेगी, जिससे वहां के जिलों में भी जोरदार बारिश होगी। लगातार बारिश के कारण दिन और रात के तापमान में गिरावट आई है, जिससे मौसम सुहावना बना हुआ है।
मुजफ्फरनगर में सबसे ज्यादा बारिश
सोमवार को प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश मुजफ्फरनगर में दर्ज की गई, जहां 97.6 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुई। इसके अलावा फुरसतगंज, बहराइच, बाराबंकी, कानपुर, लखीमपुर खीरी, बरेली और गोरखपुर में भी अच्छी बारिश देखने को मिली।
मौसम विभाग का अनुमान है कि जुलाई में भी सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है और तापमान औसतन कम बना रहेगा, जिससे राहत का माहौल बना रहेगा।