क्या है पूरा मामला?
सरकार ने पेमेंट कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी में कटौती कर दी है। इसका सीधा असर यह होगा कि अब ये कंपनियां ग्राहकों से ट्रांजेक्शन फीस वसूलने की तैयारी में हैं। मतलब, जो पेमेंट पहले फ्री में होता था, उस पर अब एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा। ऐसे में आने वाले दिनों में हर UPI पेमेंट पर थोड़ा-थोड़ा एक्स्ट्रा खर्च होने वाला है।
क्या बदल गया है?
अब तक Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे ऐप्स से UPI भुगतान करने पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगता था। लेकिन, अब कंपनियां ट्रांजेक्शन फीस वसूलने लगी हैं। जैसे कि Google Pay ने डेबिट कार्ड से पेमेंट पर 0.5% और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट पर 1% तक फीस लगा दी है। PhonePe और Paytm ने भी मोबाइल रिचार्ज जैसी सेवाओं पर चार्ज लगाना शुरू कर दिया है।
सरकार की सब्सिडी में कटौती का असर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले सरकार UPI ट्रांजेक्शन पर पेमेंट कंपनियों को सब्सिडी देती थी, खासकर 2000 रुपये से कम के ट्रांजेक्शन पर। इससे ग्राहकों को कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना पड़ता था। सरकार इन ट्रांजेक्शन्स पर लगभग 4000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती थी, जिससे कंपनियों को फायदा हो रहा था। लेकिन, 2025 में सरकार ने इस सब्सिडी को कम कर दिया है। अब कंपनियों का गणित बिगड़ गया है और उन्हें ट्रांजेक्शन फीस लागू करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर
UPI पेमेंट पर चार्ज लगने से डिजिटल पेमेंट का पूरा सीन बदल जाएगा। जो सुविधा पहले मुफ्त थी, अब धीरे-धीरे पैसे देकर मिलेगी। छोटे ट्रांजेक्शन्स पर शायद राहत मिल जाए, लेकिन भविष्य में हर तरह के UPI पेमेंट पर चार्ज लगने की संभावना है। मतलब, अब हर पेमेंट पर थोड़ा-थोड़ा एक्स्ट्रा देना होगा।
UPI पेमेंट पर चार्ज लगने से आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। हालांकि, यह कदम पेमेंट कंपनियों के लिए जरूरी हो गया है, क्योंकि सरकार की सब्सिडी में कटौती के बाद उनका गणित बिगड़ गया है। अब देखना यह है कि यह बदलाव डिजिटल पेमेंट के इस्तेमाल को कैसे प्रभावित करता है।