• About us
  • Contact us
Thursday, September 18, 2025
28 °c
New Delhi
33 ° Fri
33 ° Sat
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home संपादकीय

देवभूमि का मौन विलाप

News Desk by News Desk
September 17, 2025
in संपादकीय
देवभूमि का मौन विलाप
Share on FacebookShare on Twitter

अमित पांडेय

उत्तराखंड में हालिया आपदाएँ—बाढ़, भूस्खलन, सुरंग दुर्घटनाएँ—प्राकृतिक नहीं, बल्कि नीतिगत लापरवाही और पर्यटन आधारित विकास मॉडल की विफलता का परिणाम हैं। सरकारें रोजगार और विकास के नाम पर पर्वतीय क्षेत्रों में भारी निर्माण कर रही हैं, जिससे न केवल पर्यावरण संकट गहरा रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों का विस्थापन भी हो रहा है। वैज्ञानिक संस्थानों और पर्यावरणीय एजेंसियों की चेतावनियों को नजरअंदाज कर, सुरंगें, होटल और सड़कें बनाई जा रही हैं, जिनका लाभ बाहरी कंपनियों को मिलता है, जबकि स्थानीय लोग निम्न श्रेणी के कामों तक सीमित रह जाते हैं। राहत और पुनर्वास की प्रक्रिया भी असमान है—जनता को प्रतीकात्मक सेवा मिलती है, जबकि कॉरपोरेट्स को ठेके। यदि यही विकास है, तो यह विनाश का दूसरा नाम है। उत्तराखंड को बचाने के लिए पारदर्शिता, स्थानीय भागीदारी और पर्यावरणीय संवेदनशीलता को प्राथमिकता देनी होगी।

सितंबर की सुबह की ओस जब शरद ऋतु के आगमन की सूचना देती है, तो देश के मैदानी हिस्सों में उत्सव की तैयारी शुरू हो जाती है। बंगाल में दुर्गापूजा, गुजरात में गरबा, उत्तर प्रदेश में रामलीला और पूरे भारत में शारदीय नवरात्र की रंगत फैलती है। लेकिन उत्तराखंड में यह ऋतु अब उल्लास नहीं, उदासी लेकर आती है। पर्वतों की गोद में बसे इस राज्य में अब नदियाँ मातम मनाती हैं, पुल बह जाते हैं, सुरंगें धँस जाती हैं और सरकारें मौन हो जाती हैं।


उत्तराखंड, जिसे कभी देवभूमि कहा जाता था, अब एक प्रयोगशाला बन चुका है—जहाँ पर्यटन आधारित विकास के नाम पर विनाश की इबारत लिखी जा रही है। जोशीमठ की दरारें, सिलक्यारा सुरंग की त्रासदी, देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी और हरिद्वार की बार-बार डूबती गलियाँ इस बात की गवाही देती हैं कि यह आपदाएँ केवल प्राकृतिक नहीं, बल्कि नीतिगत विफलताओं और राजनीतिक अवसरवादिता की उपज हैं।


सरकारें कहती हैं कि पर्यटन से रोजगार मिलेगा, अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। लेकिन आँकड़े कुछ और ही कहते हैं। उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 9.2% है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। पर्यटन के नाम पर स्थानीय लोग गेटकीपर, वेटर और कुली बन गए हैं, जबकि होटल और कॉन्ट्रैक्ट्स बाहरी कंपनियों के हाथों में हैं। यह विकास नहीं, विस्थापन है।
टनकपुर–चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर करोड़ों खर्च हुए, लेकिन वह छह महीने से अधूरा पड़ा है। दरारें, धंसाव और बंदी आम हैं। इसके बावजूद सरकार नए मार्गों की योजना बना रही है—जैसे विनाश को और गहरा करना चाहती हो। जोशीमठ की दरारें टनलिंग से जुड़ी थीं, फिर भी सिलक्यारा सुरंग बनाई गई। तकनीक विफल हुई, मजदूर फंसे, और सरकार ने इसे “प्रमाणित” कहकर पल्ला झाड़ लिया।


वैज्ञानिक चेतावनियाँ लगातार दी गईं। वाडिया संस्थान ने बताया कि उत्तराखंड भूकंप क्षेत्र V में आता है, जहाँ निर्माण कार्य बेहद जोखिमभरा है। NGT ने 2018 में ही मसूरी और नैनीताल में अतिक्रमण पर रोक लगाने की बात कही थी, लेकिन अवैध होटल आज भी खड़े हैं। IMCR ने चेताया कि हिमालय की परतें इतनी भारी निर्माण नहीं झेल सकतीं। लेकिन सरकार ने इन चेतावनियों को अनसुना कर दिया।


प्रधानमंत्री मोदी, जो उत्तराखंड से भावनात्मक जुड़ाव जताते हैं, अब तक राहत पैकेज की घोषणा नहीं कर पाए हैं। मुख्यमंत्री धामी की गुहारें भी अनसुनी रहीं। “सेवा पखवाड़ा” के नाम पर भाजपा कार्यकर्ता प्रतीकात्मक सेवा करते हैं, जबकि जनता वास्तविक राहत की माँग करती है।


“आपदा में अवसर” अब उत्तराखंड की नई नीति बन चुकी है। पत्रकार हरीश जोशी लिखते हैं—यह राहत नहीं, संसाधनों की लूट है। स्कूलों की जमीन होटल को दी जा रही है, जबकि पहाड़ी जिलों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ दम तोड़ रही हैं। पिथौरागढ़ और चंपावत में युवा बेरोजगारी दर 15% से अधिक है।


सरकार को जवाब देना होगा—कितनी आपदाएँ आईं? कितना नुकसान हुआ? कितने युवाओं को रोजगार मिला? यदि विकास का मतलब विस्थापन है, तो यह विकास नहीं—विनाश है।
उत्तराखंड को बचाना है, तो विकास की परिभाषा बदलनी होगी। पर्वतीय राज्य को पर्यटन की प्रयोगशाला नहीं, संवेदनशील भूगोल मानना होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता देनी होगी। वैज्ञानिक संस्थानों को परियोजनाओं पर वीटो अधिकार देना होगा। और सबसे ज़रूरी—जनता को केवल दर्शक नहीं, भागीदार बनाना होगा।


जब देश नवरात्रि के उल्लास में डूबा है, तब उत्तराखंड के पहाड़ों में केवल एक आवाज गूंज रही है—भूस्खलन की गर्जना, नदियों की चीख, और विस्थापित परिवारों की चुप्पी। यह तबाही नियति नहीं है, यह नीति है। जब नेता हिमालय से प्रेम की बात करते हैं, तो जनता पूछती है—प्रेम का प्रमाण क्या है?
उत्तराखंड को बचाने के लिए अब मौन नहीं, प्रतिरोध चाहिए। वरना पर्वतों की पूजा करने वाले लोग उन्हीं पर्वतों की कब्रगाह बनते जाएंगे।

Tags: आपदा-राजनीतिजनविरोधदेवभूमि संकटनीति विफलतापर्यटन-जालपर्यावरण संकटरोजगार-भ्रमलापरवाहीविकास का छलविनाशविस्थापनवैज्ञानिक चेतावनी
Previous Post

गली-गली तक पहुँचा सैनिटाइजेशन: शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस खुद मैदान में, पंजाब सरकार ने दिखाई असली सेवा

Next Post

2000 युवाओं को रोजगार का तोहफ़ा! पंजाब में ₹1000 करोड़ का निवेश करेगी Happy Forgings, जानिए पूरी योजना

Related Posts

कीव को अमेरिकी सैन्य सहायता दुनिया को परमाणु विनाश की ओर धकेल रही है- उत्तर कोरिया
विदेश

कीव को अमेरिकी सैन्य सहायता दुनिया को परमाणु विनाश की ओर धकेल रही है- उत्तर कोरिया

September 29, 2024
भ्रष्टाचार और आपराधिक लापरवाही के कारण घटिया इंफ्रास्ट्रक्चर ढहा : खडगे
देश

भ्रष्टाचार और आपराधिक लापरवाही के कारण घटिया इंफ्रास्ट्रक्चर ढहा : खडगे

June 28, 2024
नीट में 0.001 फीसदी भी लापरवाही हो, उचित समय पर उचित कार्रवाई करें: सुप्रीम कोर्ट
देश

नीट में 0.001 फीसदी भी लापरवाही हो, उचित समय पर उचित कार्रवाई करें: सुप्रीम कोर्ट

June 18, 2024
नीट में 0.001 फीसदी भी लापरवाही हुई हो, उचित समय पर उचित कार्रवाई करें: सुप्रीम कोर्ट
देश

नीट में 0.001 फीसदी भी लापरवाही हुई हो, उचित समय पर उचित कार्रवाई करें: सुप्रीम कोर्ट

June 18, 2024
राजकोट अग्निकांड भाजपा सरकार और उसके बड़े अधिकारियों की लापरवाही: कांग्रेस
देश

राजकोट अग्निकांड भाजपा सरकार और उसके बड़े अधिकारियों की लापरवाही: कांग्रेस

May 28, 2024
Next Post
2000 युवाओं को रोजगार का तोहफ़ा! पंजाब में ₹1000 करोड़ का निवेश करेगी Happy Forgings, जानिए पूरी योजना

2000 युवाओं को रोजगार का तोहफ़ा! पंजाब में ₹1000 करोड़ का निवेश करेगी Happy Forgings, जानिए पूरी योजना

Please login to join discussion
New Delhi, India
Thursday, September 18, 2025
Mist
28 ° c
84%
12.2mh
37 c 28 c
Fri
38 c 29 c
Sat

ताजा खबर

Punjab Flood Relief: मान सरकार ने शुरू किया तेज़ और पारदर्शी गिरदावरी अभियान, 2167 पटवारी गांव-गांव करेंगे सर्वे

पंजाब बाढ़ त्रासदी: CM भगवंत मान ने शुरू किया ‘मिशन चढ़दी कला’, दुनियाभर के पंजाबियों से की मदद की अपील

September 18, 2025
हिंदी के दो रूप! देवनागरी बनाम रोमन लिपि पर मचा बवाल, साहित्यवाले की संगोष्ठी में उठे बड़े सवाल

हिंदी के दो रूप! देवनागरी बनाम रोमन लिपि पर मचा बवाल, साहित्यवाले की संगोष्ठी में उठे बड़े सवाल

September 17, 2025
2000 युवाओं को रोजगार का तोहफ़ा! पंजाब में ₹1000 करोड़ का निवेश करेगी Happy Forgings, जानिए पूरी योजना

2000 युवाओं को रोजगार का तोहफ़ा! पंजाब में ₹1000 करोड़ का निवेश करेगी Happy Forgings, जानिए पूरी योजना

September 17, 2025
देवभूमि का मौन विलाप

देवभूमि का मौन विलाप

September 17, 2025
Punjab Floods 2025: 2000 गांव डूबे, 4 लाख लोग प्रभावित – हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र से मांगी 60,000 करोड़ की मदद

गली-गली तक पहुँचा सैनिटाइजेशन: शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस खुद मैदान में, पंजाब सरकार ने दिखाई असली सेवा

September 17, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved