नयी दिल्ली, 15 जनवरी (कड़वा सत्य) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने देश में प्राकृतिक और अन्य बड़ी आपदाओं का सामना करने में भारत की प्रगति को रेखांकित करते हुए बुधवार को कहा कि आपदा प्रबंधन की शिक्षा बचपन से ही दी जानी चाहिए।
श्री गोयल ने कहा कि आपदा प्रबंधन की शिक्षा बचपन से देने से आपदाओं से निपटने की देश की क्षमता बढ़ेगी और रोकथाम में भी मदद मिलेगी। वह यहां आपदा प्रबंधन, आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर विश्व कांग्रेस (डब्ल्यूसीडीएम-डीआरआर) पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सभी संबंधित विभागों के समन्वय की सोच के साथ उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।
श्री गोयल ने कहा, “आज भारत प्राकृतिक आपदाओं के समय अपनी मानवीय पहलों के लिए विश्व के विकासशील देशों के लिए सबसे पहले सहायता लेकर पहुंचने वाले देने वाले देश के रूप में जाना जाता है।” उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में आपदा राहत के लिए बजट में तीन गुना वृद्धि की गई है।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि राज्यों को वार्षिक बजट के हिस्से के रूप में राहत राशि पहले से ही प्रदान की जाती है और बड़ी आपदा की स्थिति में और सहायता प्रदान की जाती है। राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) – राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) का संयोजन भी राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी राहत है।
श्री गोयल ने यह भी कहा कि हाल ही में पारित आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदाओं का डेटाबेस बनाने के मामले में राष्ट्र को लाभ प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि आपदा संकट का प्रबंधन एक समग्र सरकार के दृष्टिकोण के साथ के करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बल से बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा का दुनिया भर में सम्मान किया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडे – एकीकरण, जोखिम कवरेज, महिला नेतृत्व, जोखिम मानचित्रण प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, मीडिया, क्षमता निर्माण, शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर समग्र दृष्टिकोण से देश को भारत में जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में मदद मिलेगी।
श्री गोयल ने आपदाओं का सामना करने में सेना, नौसेना, वायुसेना और केंद्रीय और राज्य रैपिड एक्शन फोर्स द्वारा किए गए बलिदानों को भी याद किया तथा आपदा की रोकथाम और हताहतों की संख्या को कम करने के प्रयासों के लिए भारतीय मौसम विभाग की प्रशंसा की।
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कड़वा सत्य