बेंगलुरु, 20 दिसंबर (कड़वा सत्य) कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडुराव ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या के बीच कहा कि पांच दिन पहले राज्य के बेंगलुरु शहर में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
श्री गुंडुराव ने इस बात की हालांकि पुष्टि नहीं की कि मौत का कारण जेएन-1 है, जो कोरोना वायरस का एक नया उप-प्रकार (वैरिएंट) है।
उन्होंने कहा,“एक व्यक्ति की मौत हो गई है। वह 64 साल के व्यक्ति थे। उनकी मृत्यु पांच दिन पहले 15 दिसंबर को हुई थी। हमें नहीं पता कि उनकी मृत्यु जेएन-1 सब-वैरिएंट के कारण हुई थी या नहीं।”
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,“हालांकि, वह व्यक्ति अन्य बीमारियों से भी पीड़ित था। वह उच्च रक्तचाप, फेफड़ों की बीमारी, ब्रोन्कियल अस्थमा, हृदय विफलता, निमोनिया से पीड़ित थे और कोविड-19 पॉजिटिव भी थे।”
मंत्री ने कहा कि मृतक बेंगलुरु शहर के चामराजपेट का निवासी था। उन्होंने लोगों से डर के दायरे में न रहने की अपील की और निजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क पहनने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा,“हम 60 से अधिक उम्र के लोगों को कोविड से संक्रमित होने से बचने के लिए मास्क पहनने की सलाह देते हैं।”
श्री गुंडुराव ने कहा कि राज्य सरकार का इरादा कोविड-19 संक्रमण की दर का पता लगाने के लिए परीक्षण बढ़ाने का है। उन्होंने कहा,“सरकार अगले तीन दिनों में इस संख्या को बढ़ाकर 5,000 परीक्षण प्रतिदिन करना चाहती है।” मंत्री ने कहा कि सभी गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के 20 में से कम से कम एक मामले के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है।
श्री गुंडुराव ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और तकनीकी सलाहकार समिति गुरुवार को एक बैठक करेंगे, जिसमें तैयारियों पर चर्चा की जाएगी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की सभी राज्यों, केंद्र और राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), नीति आयोग के अधिकारियों और अन्य के साथ बैठक में वर्चुअली भाग लिया।
कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को एक परामर्श जारी कर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों, गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने के लिए कहा।
परामर्श में लोगों से बंद, कम हवादार स्थानों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने को भी कहा गया है। इसमें पड़ोसी राज्य केरल में सामने आए सब-वेरिएंट जेएन-1 के मामले का जिक्र किया गया था।
डेस्क.संजय