• Newsletter
  • About us
  • Contact us
Monday, June 9, 2025
39 °c
New Delhi
42 ° Tue
42 ° Wed
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home देश

कांवड़ यात्रा: ‘नाम’ प्रदर्शित करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच अगस्त तक बढ़ाई रोक, स्वेच्छा से नाम लिखने की अनुमति

News Desk by News Desk
July 26, 2024
in देश
0 0
कांवड़ यात्रा:
Share on FacebookShare on Twitter

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (कड़वा सत्य) उच्चतम न्यायालय ने कांवड़ यात्रा मार्गो पर खाद्य पदार्थों के विक्रेता, होटल मालिकों को अपने और अपने यहां काम करने वाले अन्य कर्मचारियों के नाम सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश पुलिस समेत अन्य के आदेश पर रोक शुक्रवार को पांच अगस्त तक बढ़ा दी।
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने ‘नाम’ प्रदर्शित करने के आदेशों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रोक बढ़ाने संबंधी आदेश पारित करते हुए कहा कि यदि कोई स्वैच्छिक रूप नाम प्रदर्शित करना चाहे, तो ऐसा कर सकता है।
पीठ ने स्पष्ट किया कि पिछला आदेश (22 जुलाई) किसी को भी मालिकों और कर्मचारियों के नाम स्वेच्छा से प्रदर्शित करने से नहीं रोकता है।
पीठ ने कहा, “अगर कोई स्वेच्छा से ऐसा करना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है, लेकिन कोई जोर नहीं देना चाहिए,”
शीर्ष अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एसएसपी द्वारा 17 जुलाई को जारी निर्देश का बचाव करने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के जवाबी हलफनामे पर अपना (याचिकाकर्ता का) जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।
श्री सिंघवी ने दलील देते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकार किया है कि भेदभाव हुआ है, लेकिन यह स्थायी प्रकृति का नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 60 वर्षों में ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया था।
शीर्ष अदालत के समक्ष उतर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि केंद्रीय कानून खाद्य एवं सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत नियमों के अनुसार ढाबों सहित प्रत्येक खाद्य विक्रेता को मालिकों के नाम प्रदर्शित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि रोक संबंधी अंतरिम आदेश इस केंद्रीय कानून के अनुरूप नहीं है।
उनकी इस दलील पर अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि यदि ऐसा है तो इसे पूरे राज्य में क्यों नहीं लागू किया गया।
शीर्ष अदालत ने सोमवार 22 जुलाई को नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर रोक लगाते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को अगली सुनवाई 26 जुलाई से पहले अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था।
पीठ ने अपने आदेश में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को कांवड़ यात्रियों के मार्ग में पड़ने वाले होटल, दुकानों, भोजनालयों और ढाबों के मालिकों‌ और वहां कार्यरत कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के निर्देशों को लागू करने पर रोक लगा दी थी।
पीठ ने नाम प्रदर्शित करने वाले आदेश पर पर रोक लगाते हुए कहा था, “खाद्य पदार्थ विक्रेता मालिकों, नियोजित कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।”
शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाएं अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की नेता सांसद महुआ मोइत्रा, गैर सरकारी संगठन- एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) के अलावा शिक्षाविद प्रोफेसर अपूर्वानंद और अन्य द्वारा दायर की गई थीं।
याचिकाओं में मुजफ्फरनगर के एसएसपी द्वारा विक्रेता मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के लिए 17 जुलाई को जारी निर्देश को भेदभावपूर्ण और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 17, 19(1)(जी) और 21 का उल्लंघन बताया गया है।
शीर्ष अदालत की ओर से 22 जुलाई को जारी नोटिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने जबावी हलफनामे में कहा है कि श्रावण महीने में ‘यात्रा’ करने वाले कांवड़ियों की सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था, पारदर्शिता और सूचित विकल्प सुनिश्चित करने के लिए सभी खाद्य विक्रेता मालिकों और कर्मचारियों की पहचान प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने जवाब में आगे कहा कि यह निर्देश (नाम प्रदर्शित करने का) सीमित भौगोलिक सीमा के लिए अस्थायी प्रकृति का था। यह आदेश गैर-भेदभावपूर्ण और उन ‘कांवड़ियों’ की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लाया गया, जो केवल ‘सात्विक’ खाद्य पदार्थ पसंद करते हैं और गलती से भी अपनी मान्यताओं के खिलाफ नहीं जाते
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, “अनजाने में किसी ऐसे स्थान पर अपनी पसंद से अलग भोजन करने की दुर्घटना कांवड़ियों के लिए पूरी यात्रा के साथ ही क्षेत्र में शांति और सौहार्द को बिगाड़ सकती है, जिसे बनाए रखना राज्य का कर्तव्य है।”
हलफनामे में सरकार ने कहा कि यह उपाय एक सक्रिय कदम है, क्योंकि अतीत में बेचे जा रहे भोजन के प्रकार के बारे में गलतफहमियों के कारण तनाव, अशांति और सांप्रदायिक दंगे भड़के थे।
शीर्ष अदालत के समक्ष शुक्रवार 26 जुलाई को सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता जतिंदर कुमार सेठी ने कहा कि त्योहार के दौरान पूरे राज्य में कानूनी आदेश लागू किया गया, लेकिन इस बीच शीर्ष अदालत के अंतरिम आदेश ने समस्या पैदा कर दी है।
मध्य प्रदेश सरकार ने खाद्य विक्रेताओं द्वारा मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कोई निर्देश जारी करने से इनकार किया।
शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले कुछ ‘कांवड़ यात्रियों’ की ओर से दलील दी गई कि सूचना प्रदर्शित करना विशेषाधिकार नहीं और वे सूचित विकल्प चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ भोजनालयों में हिंदू देवताओं के नाम हैं, लेकिन उनके मालिक और कर्मचारी अलग-अलग धर्मों के हैं।
 , 
कड़वा सत्य

Tags: कांवड़ यात्रा
Previous Post

एमएसपी कानून बनाने से सरकार का इनकार किसानों के साथ विश्वासघात: कांग्रेस

Next Post

हवाई कंपनियों के किराया वसूलने की मनमानी रोकने की लोकसभा में की गई मांग

Related Posts

कांवड़ यात्रा मार्गों पर दुकानदारों, कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
देश

कांवड़ यात्रा मार्गों पर दुकानदारों, कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

July 22, 2024
Next Post
हवाई कंपनियों के किराया वसूलने की मनमानी रोकने की लोकसभा में की गई मांग

हवाई कंपनियों के किराया वसूलने की मनमानी रोकने की लोकसभा में की गई मांग

New Delhi, India
Monday, June 9, 2025
Mist
39 ° c
18%
20.9mh
46 c 37 c
Tue
46 c 37 c
Wed

ताजा खबर

Ganga river revival project Bihar: गंगा की धारा को वापस लाने की तैयारी! बख्तियारपुर में सीढ़ी घाट से देदौर तक विकास कार्यों की बड़ी योजना

Ganga river revival project Bihar: गंगा की धारा को वापस लाने की तैयारी! बख्तियारपुर में सीढ़ी घाट से देदौर तक विकास कार्यों की बड़ी योजना

June 9, 2025
PMCH upgradation 2025: PMCH हुआ हाईटेक, गया-भागलपुर मेडिकल कॉलेज भी बदले रंग में! जानें बिहार में कितना बदला स्वास्थ्य और सड़क का हाल

PMCH upgradation 2025: PMCH हुआ हाईटेक, गया-भागलपुर मेडिकल कॉलेज भी बदले रंग में! जानें बिहार में कितना बदला स्वास्थ्य और सड़क का हाल

June 9, 2025
Bihar PM Vishesh Package 2025: PM पैकेज से बिहार को मिली उड़ान! सड़कों से लेकर हवाई अड्डों तक बदली तस्वीर

Bihar PM Vishesh Package 2025: PM पैकेज से बिहार को मिली उड़ान! सड़कों से लेकर हवाई अड्डों तक बदली तस्वीर

June 8, 2025
Bihar Revenue Ranking 2025: बांका ने मारी बाज़ी! अप्रैल की टॉप राजस्व रैंकिंग में सबसे आगे, जानें आपके जिले का स्थान

CM Rural Setu Yojana: बिहार में बनेंगे 649 नए पुल, गांवों की तस्वीर बदलने को तैयार सरकार!

June 7, 2025
Bihar Labor Minister Geneva: ILO सम्मेलन में बिहार की गूंज! जिनेवा पहुंचे मंत्री संतोष कुमार सिंह, दुनिया के सामने रखेंगे श्रम नीति का मॉडल

Bihar Yuktdhara GIS Planning: Bihar का डिजिटल पंचायत मॉडल! अब हर योजना होगी GPS से ट्रैक – Yuktdhara पोर्टल से गांवों का बदलेगा भविष्य

June 7, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • Newsletter
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved