बिलासपुर 25 जून (कड़वा सत्य) दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के नागपुर-झारसुगुड़ा रेल खंड को कवच परियोजना के लिए चिह्नित किया गया है और इसके अनुमोदन के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है।
एसईसीआर के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद नागपुर-रायपुर-बिलासपुर-झारसुगुड़ा रेल खंड पर कवच सुरक्षा तकनीक स्थापित करने का कार्य शुरू किया जायेगा।
गौरतलब है कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्च 2022 में दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल अंतर्गत लिंगमपल्ली-विकाराबाद खंड पर कवच सुरक्षा तकनीक का सफल परीक्षण किया था।
भारतीय रेलवे ने चलती ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन) प्रणाली ‘कवच’ विकसित की है । यह पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और ट्रेनों के संचालन की हर पल निगरानी करती है। यह प्रणाली सिग्नल एवं स्पीड से संबन्धित दुर्घटनाओं को रोकने में पूर्णतया सक्षम है। स्टेशन मास्टर से ट्रेनों के परिचालन में कोई गलती न हो, यह सिग्नल एवं दूरसंचार सिस्टम की इंटरलॉकिंग के जरिए सुनिश्चित किया जाता है । वहीं मानवीय भूलों के लिए ट्रेन पायलटों के पास अब तक कोई ऐसी विश्वसनीय मदद की तकनीक नहीं थी। ऐसी स्थिति में “कवच” (ट्रेन कोलाईजन एवोइडेंस सिस्टम) प्रणाली ट्रेन ड्राइवरों की मदद के लिए एक विश्वसनीय साथी है । यदि ड्राइवर कहीं रफ्तार नियंत्रित करना या ब्रेक लगाना भूल जाता है तो “कवच” प्रणाली “ब्रेक इंटरफेस यूनिट” के जरिए ट्रेन को स्वचालित रूप से नियंत्रित कर लेती है ।
कवच प्रणाली में पूरे खंड पर विश्वसनीय वायरलेस कम्युनिकेशन स्थापित किया जाता है तथा सभी स्टेशनों और इंजनों में डिवाइस लगाई जाती है जिससे ट्रेन का इंजन सम्पूर्ण ट्रैक में लगे हुए रेडियो फ्रीक्वेन्सी टैग के जरिए ट्रैक और सिग्नल से संबन्धित विवरण प्राप्त करता है । इंजन में स्थित डिवाइस (लोको यूनिट) स्टेशन के इंटरलाकिंग सिस्टम, सिग्नल के निर्देश और समपार फाटकों से विवरण लेती है और कंप्यूटरीकृत प्रणाली के निर्देशानुसार ट्रेन का संचालन सुरक्षित गति से करती है यानी ट्रेन की गति सिग्नल की पोजीशन के साथ इंटरलॉक होती है ।
यह प्रणाली ट्रेन पायलट के केबिन में लाइन-साइड सिग्नल के आस्पेक्ट को दोहराती है, जिससे घने कोहरे और बरसात जैसे कठोर मौसम के दौरान भी ट्रेन संचालन की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित होगी। यदि लोको पायलट ब्रेक लगाने में विफल रहता है, तो भी यह प्रणाली स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करने में मदद करती है।
‘कवच’ प्रणाली की अन्य विशेषताओं में समपार (लेवल क्रासिंग) फाटकों पर ऑटो सीटी बजाना और विषमता की स्थिति में या जोखिम के मामले में अन्य ट्रेनों को नियंत्रित एवं सावधान करने के लिए ऑटो/मैनुअल “एसओएस” प्रणाली को तुरंत सक्रिय करना शामिल है जिससे कि आसपास के क्षेत्र में ट्रेनों का संचालन तुरंत रुक जाता है ।
अशोक,
कड़वा सत्य