नयी दिल्ली, 18 जनवरी (कड़वा सत्य) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नीदरलैंड ,डोमिनिक गणराज्य और इक्वाडोर के साथ चिकित्सा उत्पाद विनियमन सहयोग पर अलग-अलग समझौता ज्ञापनों को स्वीकृति प्रदान की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक को इन समझौता ज्ञापनों से अवगत कराया गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन समझौता ज्ञापनों का पूर्व प्रभाव से अनुमोदन किया है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और मानव विषयों से जुड़े अनुसंधान के बारे में चिकित्सा मूल्यांकन बोर्ड ने नीदरलैंड के संबद्ध संस्थान के बीच “चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर सात नवंबर, 2023 को हस्ताक्षर किए गए थे।
इसी तरह से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और डोमिनिक गणराज्य के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी। सीडीएससीओ तथा डोमिनिक गणराज्य के चिकित्सा, खाद्य और स्वच्छता उत्पाद संगठन महानिदेशालय, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक सहायक मंत्रालय के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग परचार अक्टूबर, 2023 को हस्ताक्षर किए गए थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और इक्वाडोर के बीच हुए समझौता ज्ञापन का भी अनुमोदन किया है।
सीडीएससीओ और एजेंसिया नैशनल डी रेगुलेशन, कंट्रोल वाई विजिलेंसिया सैनिट्रिया – एआरसीएसए, डॉक्टर लियोपोल्डो इज़क्विएटा पेरेज़, इक्वाडोर गणराज्य के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर सात नवंबर 2023 को हस्ताक्षर किए थे।
तीनों देशों के नियामक प्राधिकरणों के बीच ये समझौते फार्मास्युटिकल उपयोग के लिए कच्चा माल, जैविक उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और कॉस्मेटिक उत्पादों सहित फार्मास्यूटिकल्स के संबंध में चिकित्सा उत्पादों के विनियमन की बेहतर सुविधा प्रदान करेंगे।
ये चिकित्सा उत्पादों के निर्यात की सुविधा प्रदान करेंगे जिससे विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि होगी और यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ाया गया कदम होगा।
इसके अलावा चिकित्सा उत्पादों और पक्षकारों के अधिकार क्षेत्र के भीतर प्रासंगिक प्रशासनिक और विनियामक मामलों से संबंधित क्षेत्रों में सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देंगे। अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में चल रही घटिया, नकली दवाओं से निपटने के लिए विनियामक एजेंसियों के बीच बातचीत की सुविधा होगी।
ये समझौते दोनों पक्षों के बीच नियामक पहलुओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे तथा चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेहतर समन्वय में मदद करेंगे।
सत्या,आशा