नयी दिल्ली, 28 जुलाई (कड़वा सत्य) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों को नसीहत दी है कि वे केन्द्र के साथ समन्वय बनाकर विकास योजनाओं में जन भागीदारी बढ़ाने के लिए काम करें।
भाजपा के मुख्यमंत्रियों – उप मुख्यमंत्रियों के दो दिन के सम्मेलन के बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता सहस्रबुद्धे ने रविवार को संवाददाताओं को बताया,“ प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया है कि केंद्र और राज्य सरकारें अधिक मज़बूती से लोक कल्याण के समन्वित प्रयासों में लगती हैं तो विकसित भारत का लक्ष्य हम निश्चित हासिल कर पायेंगे। विरासत का विकास और विकास की विरासत का निर्माण, इन दोनों का हमारी विकसित भारत की संकल्पना में विशेष महत्व है। इस का भी ध्यान हम सभी को निरंतर रखना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि श्री मोदी आज भाजपा मुख्यालय में आयोजित भाजपा के सभी मुख्यमंत्री – उपमुख्यमंत्रियों की दो दिवसीय ‘मुख्यमंत्री-परिषद’ के समापन सत्र में को संबोधित कर रहे थे। पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह आदि राष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति में सम्पन्न इस ‘मुख्यमंत्री-परिषद’ में भाजपा के सभी 13 मुख्यमंत्री और सभी 15 उप-मुख्यमंत्री सहभागी हुए।
उन्होंने कहा कि भाजपा के सु-शासन के एजेंडे के तहत इस तरह की मुख्यमंत्री परिषद का आयोजन समय-समय पर होता आया है। वर्तमान वर्ष 2024 का यह दूसरा आयोजन था।
श्री सहस्रबुद्धे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने से लेकर विकास कार्यक्रमों में जन-भागीदारी पर और अधिक बल देने की दृष्टि से अन्यान्य प्रयासों की आवश्यकता तथा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते हुए लोगों तक सरकारी योजनाओं की पहुँच बढ़ाने के उपायों की भी विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि कल शाम अपने प्रारंभिक उद्बोधन में श्री नड्डा ने कहा,“ इन बैठकों के माध्यम से हम सभी तीन विशिष्ट उपलब्धियाँ पाते हैं। सबसे पहले तो हम सभी को प्रधानमंत्री के सुदीर्घ अनुभव का लाभ मिलता है तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं का भी मार्गदर्शन प्राप्त होता है। दूसरा यह कि हम अपने अनुभवों का आदान -प्रदान कर पाते हैं और कुछ नई जानकारी या नया आकलन भी पाते हैं। तीसरी उपलब्धि होती है कि कुछ और अधिक अच्छा करने की हमारी भावना बलवती होती है।”
उन्होंने कहा कि इस बैठक में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में राज्य सरकारों की भूमिका की चर्चा की और राज्य सरकारों से जो अपेक्षायें हैं, उनका भी विवरण प्रस्तुत किया, जिस पर विस्तार से चर्चा हुई।
श्री सहस्रबुद्धे ने कहा कि इस परिषद के प्रारंभ में कुछ भाजपा शासित राज्यों के द्वारा अपनाये गये नवाचार प्रेरित और सु-शासन केंद्रित प्रयासों के संदर्भ में कुछ चयनित प्रयासों की चर्चा करने वाले प्रस्तुतीकरण भी हुये। उत्तर प्रदेश की ग् ीण सचिवालय योजना, असम सरकार का सरकारी रिक्त स्थानों की शीघ्र भर्ती के लिए विशेष अभियान, गुजरात के सौर ऊर्जा निर्माण को गति देने के प्रयास, त्रिपुरा का ‘अमार सरकार’ कार्यक्रम और बिहार सरकार के अवैध खनन रोकथाम के लिए किए गए प्रयास इत्यादि विशेष उल्लेखनीय प्रस्तुतीकरण इस परिषद में हुए। इस चर्चा के दौरान महाराष्ट्र और हरियाणा के कुछ विशिष्ट प्रकल्पों की भी चर्चा हुई।
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कड़वा सत्य