नयी दिल्ली, 25 जनवरी (कड़वा सत्य) कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग ने अपने 75 साल के इतिहास में लोकतंत्र को निष्पक्षता के साथ मजबूत करने का काम किया है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी ने पिछले 10 साल में आयोग की आजादी को खत्म करने का प्रयास किया है।
पार्टी ने कहा,“अफसोस की बात है कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की जोड़ी ने चुनाव आयोग के प्रोफेशनलिज्म और स्वतंत्रता के साथ गंभीर रूप से छेड़-छाड़ किया है। इसके कुछ फैसलों को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों को लेकर हाल में आयोग का रुख आश्चर्यजनक रूप से पक्षपात से भरा रहा है। आज जिस तरह से आयोग काम कर रहा है वह संविधान का मज़ाक और मतदाताओं का अपमान है।”
कांग्रेस महासचिव जय रमेश ने कहा,“आज के दिन को वर्ष 2011 से राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 75 साल पहले आज ही के दिन 1950 को चुनाव आयोग अस्तित्व में आया था। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसके पहले अध्यक्ष प्रख्यात सुकुमार सेन थे जिन्होंने हमारे चुनावी लोकतंत्र की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह आठ वर्षों तक एकमात्र मुख्य चुनाव आयुक्त रहे। उनकी ‘भारत में प्रथम आम चुनाव 1951-52 पर रिपोर्ट’ बेहद उत्कृष्ट है। लेकिन पहले चुनाव के लिए मतदाता सूची के मसौदे की तैयारी सेन के कार्यभार संभालने से पहले ही पूरी हो चुकी थी। इस ऐतिहासिक प्रयास और इसमें शामिल लोगों की कहानी का वर्णन ऑर्निट शानी ने अपनी पुस्तक ‘हाउ इंडिया बिकम डेमोक्रेटिक’ में बहुत बारीकी से किया है।”
उन्होंने कहा,“ऐसे ही कई अन्य प्रतिष्ठित मुख्य चुनाव आयुक्त रहे हैं जिनमें टीएन शेषन का सबसे विशेष स्थान है – उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है।”
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कड़वा सत्य