मुंबई 09 अक्टूबर (कड़वा सत्य) देश के प्रमुख उद्योग समूह टाटा संस के मानद अध्यक्ष रतन टाटा न: सिर्फ उद्योगपति थे, बल्कि वे एक समाज सेवक और परोपकारी के तौर पर भी प्रसिद्ध थे। उनकी 21 वर्षाें की अध्यक्षता में टाटा संस का राजस्व 40 गुना और लाभ 50 गुना बढ़ा था।
ब्रिटिश राज के दौरान बॉम्बे (अब मुंबई) में 28 दिसंबर 1937 को एक पारसी परिवार में जन्मे रतन एन टाटा को टाटा परिवार ने गोद लिया गया था। वर्ष 1948 में जब टाटा 10 वर्ष के थे, उनके माता-पिता अलग हो गए थे और बाद में उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया था। उन्होंने मुंबई में कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, शिमला में बिशप कॉटन स्कूल और न्यूयॉर्क शहर में रिवरडेल कंट्री स्कूल में अध्ययन किया, जहाँ से उन्होंने 1955 में स्नातक किया। रतन टाटा ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने 1959 में वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। कॉर्नेल में रहते हुए श्री टाटा अल्फा सिग्मा फी बिरादरी के सदस्य बन गए।