मुंबई, 29 अक्टूबर (कड़वा सत्य) निवेश,धन प्रबंधन और बाजार अनुसंधान सेवा बाजार की प्रमुख कंपनी एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के एक अध्ययन में दर्शाया गया है कि सरकारी घाटा कम करने की दिशा में राज्यों और केंद्र सरकार की चाल में ताल मेल गड़बड़ा रहा है और प्रमुख राज्यों में चुनाव से पहले लोक लुभावन वायदों से चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़ने का जोखिम ऊंचा हो गया है।
एमके ग्लोबल के विश्लेषकों ने एक एक मीडिया वेबिनार में कहा कि उनके विश्लेषण के अनुसार केंद्र और राज्यों की राजकोषीय मजबूती की राह पर समन्वय के समक्ष कुछ जोखिम उभर रहे हैं। राज्यों द्वारा चुनाव के कारण किए गए लोकलुभावन खर्च अभूतपूर्व हैं और इससे वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय फिसलन का जोखिम बढ़ गया है। इससे राज्यों द्वारा अधिक उधारी भी ली जा सकती है।