नयी दिल्ली 06 मई (कड़वा सत्य) ह्यूंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (एचएमआईएफ) ने भारत की समृद्ध पारंपरिक विरासत के उत्थान, संरक्षण और प्रचार-प्रसार की पहल के तहत अब लुप्त हाे रही जनजातियों के संरक्षण की दिशा में काम शुरू किया है।
फाउंडेशन के प्रयास आदिवासी कल्याण और संरक्षण से जुड़े क्षेत्रों पर केंद्रित हैं, विशेष रूप से तमिलनाडु के इरुंगट्टुकोट्टै में इरुला जनजाति और आंध्र प्रदेश के कुरनूल में चेंचू जनजाति जैसे स्थानीय एवं कमजोर जनजातीय समुदायों पर। फाउंडेशन के वनीकरण के प्रयासों से संरक्षक के रूप में 165 आदिवासी परिवारों को जोड़ते हुए एचएमआईएफ की सामाजिक पहल के साथ एकीकृत किया गया है। एचएमआईएफ ने लुप्तप्राय सांस्कृतिक कलाओं के संरक्षण के लिए भी अपने प्रयासों को समर्पित किया है। तमिलनाडु के कट्टैकुट्टू संगम थिएटर, पश्चिम बंगाल की सोहराई वॉल आर्ट, केरल के ओट्टम थुल्लल नृत्य, कर्नाटक के कावंडी निर्माण के संरक्षण के प्रयास किये गये हैं।