• Newsletter
  • About us
  • Contact us
Wednesday, June 4, 2025
30 °c
New Delhi
35 ° Thu
38 ° Fri
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home राजनीति

संगम की रेती पर आस्था का सैलाब,डेढ़ करोड़ ने लगायी पवित्र डुबकी

News Desk by News Desk
January 13, 2025
in राजनीति
0 0
संगम की रेती पर आस्था का सैलाब,डेढ़ करोड़ ने लगायी पवित्र डुबकी
Share on FacebookShare on Twitter

महाकुंभनगर,13 जनवरी (कड़वा सत्य) दुनिया के सबसे बड़े सनातन समागम महाकुंभ का भव्य शुभारंभ सोमवार को पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के साथ हो गया। इस अवसर पर डेढ़ करोड़ से अधिक  लुओं ने पतित पाविनी गंगा,श्यामल वर्ण यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम पर अमृत स्नान किया।
इसके साथ ही महाकुम्भ की विशिष्ट परंपरा कल्पवास की भी शुरुआत हो गई है। पद्म पुराण और महाभारत के अनुसार संगम तट पर माघ मास में कल्पवास करने से सौ वर्षों तक तपस्या करने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। विधि-विधान के अनुसार लाखों की संख्या में  लुओं ने संगम तट पर केला,तुलसी और जौं रोपकर एक महा व्रत और संयम का पालन करते हुए कल्पवास की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट किया “ मानवता के मंगलपर्व ‘महाकुम्भ 2025’ में ‘पौष पूर्णिमा’ के शुभ अवसर पर संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले सभी संतगणों, कल्पवासियों,  लुओं का हार्दिक अभिनंदन।
प्रथम स्नान पर्व पर आज 1.50 करोड़ सनातन आस्थावानों ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया। प्रथम स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने में सहभागी महाकुम्भ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन,पुलिस, नगर निगम प्रयागराज, स्वच्छाग्रहियों, गंगा सेवा दूतों, कुम्भ सहायकों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों तथा मीडिया जगत के बंधुओं सहित महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद। पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें।”
संगम की रेती पर बसे भव्य एवं सुरम्य अस्थायी जिले में महाकुंभ में उमड़ते जनसैलाब के विहंगम दृश्य के साक्षी अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर समेत तमाम देशों से आये विदेशी  लु भी बने। मेला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार शाम चार बजे तक एक करोड़ 60 लाख लोग संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके थे। स्नान करने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहने का अनुमान है।
पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को पुलिस के जवान चप्पे चप्पे पर सतर्क निगाहों के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करते दिखे। इस दौरान देश दुनिया के कोने कोने से आये  लुओं के प्रति उनका विनम्र व्यवहार आकर्षण का केंद्र बना। पांटून ब्रिज हो या सेक्टर,  लु जब भी पुलिस बल से कहीं भी जाने की राह पूछते तो पुलिस कर्मी उन्हें पूरी विनम्रता के साथ उनके गंतव्य के लिए राह दिखा देते। पुलिस की यह विनम्रता देखकर  लु भी बेहद खुश नजर आए।
आस्था के महासंगम में चहुंओर सारा दिन हर-हर गंगे के जयकारे गूंजते रहे। साधु संतों की उपस्थिति से वातावरण भक्ति रस से ओतप्रोत बना रहा। गरीब अमीर, जाति धर्म से परे आस्था का यह समागम देश की एकता और अखंडता का प्रतीक बन कर दुनिया भर में अपनी आभा फैला रहा था।महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक पर्व है। इसका आयोजन हर 12 सालों के बाद किया जाता है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर  लुओं का अद्भुत नजारा देखने को मिला। आधी रात से ही  लु और कल्पवासी संगम तट पर जुटने लगे थे। हर-हर गंगे और जय श्री  के गगनभेदी जयकारों से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा। विदेशी  लुओं ने भी पावन स्नान किया।
वैदिक पंचांग के अनुसार प्रथम स्नान स्नान के लिए सुबह 5.27 से लेकर सुबह 6.21 तक का सबसे शुभ माना गया है। लेकिन  लु आधी रात के बाद से आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे। आस्था का ऐसा आलम था कि सिर पर गठरी का वजन भी उनके उत्साह को कम नहीं कर सका। संगम नोज, एरावत घाट और वीआईपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही  लु स्नान करते नजर आए। युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला। संगम स्नान और दान-पुण्य में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्नान के बाद  लुओं ने पवित्र संगम तट पर पूजा-अर्चना और दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही थी। डीआईजी और एसएसपी खुद चक्रमण कर रहे थे। भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। आधी रात और सुबह तड़के से ही पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद नजर आया।
पहले स्नान पर्व के दौरान इंद्रदेव ने भी अपनी कृपा बरसाई। एक दिन पहले रविवार को हुई हल्की बारिश के बाद ठंडी हवा और हल्की हवा के बीच  लुओं ने पवित्र स्नान का आनंद लिया। संगम क्षेत्र में आस्था का ऐसा अद्भुत संगम देखने को मिला, जिसने सनातन संस्कृति और आस्था के प्रति गौरव की अनुभूति कराई।
संगम तट पर पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ कल्पवास की शुरूआत हो गई। महाकुम्भ में कल्पवास करना विशेष फलदायी माना जाता है। इसलिये इस वर्ष अनुमान के मुताबिक 10 लाख से अधिक लोग संगम तट पर पूरे एक माह का कल्पवास करेंगे। कल्पवास के विधान और महात्म के बारे में तीर्थपुरोहित श्याम सुंदर पाण्डेय कहते हैं कि कल्पवास का शाब्दिक अर्थ है कि एक कल्प अर्थात एक निश्चित समयावधि में संगम तट पर निवास करना। पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ मास में पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक कल्पवास करने का विधान है।  लु अपनी शारीरिक और मानसिक स्थित के अनुरूप तीन दिन, पांच दिन, ग्यारह दिन आदि का संकल्प लेकर भी कल्पवास करते हैं। पूरी तरह विधि-विधान से कल्पवास करने वाले साधक बारह वर्ष लगातार कल्पवास कर महाकुम्भ के अवसर पर इसका पारण करते हैं, जो कि शास्त्रों में विशेष फलदायी और मोक्षदायक माना गया है।
पौराणिक मान्यता और शास्त्रों के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन  लुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में संगम स्नान कर, भगवान शालिग्रमा और तुलसी की स्थापना कर, उनका पूजन किया। सभी कल्पवासियों को उनके तीर्थपुरोहितों ने पूजन करवा कर हाथ में गंगा जल और कुशा लेकर कल्पवास का संकल्प करवाया। इसके साथ ही कल्पवासियों ने अपने टेंट के पास विधिपूर्वक जौं और केला को भी रोंपा। सनातन परंपरा में केले को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। कल्पवासी पूरे माघ मास केला और तुलसी का पूजन करेंगे। तीनों काल में सभी कल्पवासी नियम पूर्वक गंगा स्नान, जप, तप, ध्यान, सत्संग और पूजन करेंगे। कल्पवास के काल में साधु-संन्यसियों के सत्संग और भजन-कीर्तन करने का विधान है। कल्पवासी अपने मन को सांसरिक मोह से विरक्त कर आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग की ओर ले जाता है।

Tags: 1.5 crore peoplefaithfloodsandtook a holy dipडेढ़ करोड़ ने लगायी पवित्र डुबकी Sangamसंगम की रेती पर आस्था का सैलाब
Previous Post

मूंगफली तेल सस्ता

Next Post

कैलिफोर्निया में आग जलवायु परिवर्तन के कारण लगी हैःएलन मस्क

Related Posts

पिता संग महाकुम्भ पहुंचीं साइना नेहवाल
खेल

पिता संग महाकुम्भ पहुंचीं साइना नेहवाल

February 5, 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिवेणी में लगायी आस्था की डुबकी
राजनीति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिवेणी में लगायी आस्था की डुबकी

February 5, 2025
डा राजेंद्र प्रसाद ने एक माह तक कुंभ में किया था कल्पवास
राजनीति

डा राजेंद्र प्रसाद ने एक माह तक कुंभ में किया था कल्पवास

February 2, 2025
विश्व कल्याण की कामना के साथ संगम की रेती में हुयी कल्पवास की शुरुआत
राजनीति

विश्व कल्याण की कामना के साथ संगम की रेती में हुयी कल्पवास की शुरुआत

January 13, 2025
स्पेन में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 207 हुई
विदेश

स्पेन में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 207 हुई

November 2, 2024
श्रीलंका ने वापस ली दो मुख्य नदियों से जुड़ी बाढ़ की चेतावनी
विदेश

श्रीलंका ने वापस ली दो मुख्य नदियों से जुड़ी बाढ़ की चेतावनी

October 18, 2024
Next Post
कैलिफोर्निया में आग जलवायु परिवर्तन के कारण लगी हैःएलन मस्क

कैलिफोर्निया में आग जलवायु परिवर्तन के कारण लगी हैःएलन मस्क

New Delhi, India
Wednesday, June 4, 2025
Mist
30 ° c
40%
3.6mh
39 c 30 c
Thu
42 c 32 c
Fri

ताजा खबर

GNF Naveen Jindal Foundation MoU: हरियाणा के युवाओं को मिलेगा UK-US में हेल्थ जॉब का सुनहरा मौका, ग्लोबल नर्स फोर्स और NJF ने मिलाया हाथ!

GNF Naveen Jindal Foundation MoU: हरियाणा के युवाओं को मिलेगा UK-US में हेल्थ जॉब का सुनहरा मौका, ग्लोबल नर्स फोर्स और NJF ने मिलाया हाथ!

June 3, 2025
NICE5 C-Round: 202BITS हैदराबाद की गायत्री ने मारी बाज़ी, पूर्व CCCC चैंपियनों की धमाकेदार वापसी!

NICE5 C-Round: 202BITS हैदराबाद की गायत्री ने मारी बाज़ी, पूर्व CCCC चैंपियनों की धमाकेदार वापसी!

June 3, 2025
बिहार में दलित बच्ची की मौत: कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की विफलता

बिहार में दलित बच्ची की मौत: कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की विफलता

June 3, 2025
Operation Sindoor Shaurya Yatra:दिल्ली की सड़कों पर गूंजा “भारत माता की जय”, ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित शौर्य यात्रा में उमड़ा जनसैलाब!

Operation Sindoor Shaurya Yatra:दिल्ली की सड़कों पर गूंजा “भारत माता की जय”, ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित शौर्य यात्रा में उमड़ा जनसैलाब!

June 2, 2025
Shaurya Abhinandan Yatra: “ऑपरेशन सिंदूर” के वीरों को सलाम! दिल्ली में निकली शौर्य अभिनंदन यात्रा, गूंजा भारत माता की जय का नारा

Shaurya Abhinandan Yatra: “ऑपरेशन सिंदूर” के वीरों को सलाम! दिल्ली में निकली शौर्य अभिनंदन यात्रा, गूंजा भारत माता की जय का नारा

June 2, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • Newsletter
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved