नयी दिल्ली 28 जुलाई (कड़वा सत्य) आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि वित्त विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों के मद्देनजर सभी लोगों को विभाग से कर भुगतान प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है बल्कि कालाधन अधिनियम 2015 में किये गये प्रावधानों के दायरे में आने वालो को यह प्रमाण पत्र हासिल करना होगा।
इसको लेकर मीडिया और सोशल मीडिया पर आ रही खबरों के बीच केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार को एक स्पष्टीकरण जारी करते हुये कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 230 के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को कर कर क्लियरेंस प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक नहीं है। केवल कुछ व्यक्तियों के मामले में, जिनके संबंध में ऐसी परिस्थितियाँ मौजूद हैं जो कर क्लियरेंस प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक बनाती हैं, उन्हें ऐसा प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।