• Newsletter
  • About us
  • Contact us
Tuesday, August 5, 2025
31 °c
New Delhi
27 ° Wed
33 ° Thu
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home मनोरंजन

जिंदगी के हर फलसफे पर गीत लिखने में माहिर थे शैलेन्द्र

News Desk by News Desk
December 18, 2023
in मनोरंजन
जिंदगी के हर फलसफे पर गीत लिखने में माहिर थे शैलेन्द्र
Share on FacebookShare on Twitter

..पुण्यतिथि 14 दिसंबर के अवसर पर ..

मुंबई, 14 दिसंबर (कड़वा सत्य)जिंदगी के हर फलसफे और जीवन के हर रंग पर गीत लिखने वाले शैलेन्द्र के गीतों में हर मनुष्य स्वंय को ऐसे समाहित सा महसूस करता है जैसे वह गीत उसी के लिए लिखा गया हो।

पश्चिमी पंजाब के रावलपिन्डी शहर अब पाकिस्तान में 30 अगस्त 1923 को जन्में शंकर दास केसरीलाल उर्फ शैलेन्द्र अपने भाइयों मे सबसे बड़े थे। उनके बचपन में ही उनका परिवार रावलपिंडी छोड़कर मथुरा चला आया। जहां उनकी माता पार्वती देवी की मौत से उन्हें गहरा सदमा पहुंचा और उनका ईश्वर पर से सदा के लिये विश्वास उठ गया।अपने परिवार की घिसीपिटी परंपरा को निभाते हुये शैलेन्द्र ने वर्ष 1947 में अपने कैरियर की शुरूआत मुंबई में रेलवे में नौकरी से की।उनका मानना था कि सरकारी नौकरी करने से उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा। इस समय स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था।रेलवे की नौकरी उनके स्वभाव के अनुकूल नहीं थी। ऑफिस में अपने काम के समय भी वह अपना ज्यादातर समय कविता लिखने मे हीं बिताया करते थे जिसके कारण उनके अधिकारी उनसे नाराज रहते थे।

इस बीच शैलेन्द्र देश की आजादी की लड़ाई से जुड़ गये और अपनी कविता के जरिये वह लोगों मे जागृति पैदा करने लगे। उन दिनों उनकी कविता जलता है पंजाब काफी सुर्खियों मे आ गयी थी। शैलेन्द्र कई समारोह में यह कविता सुनाया करते थे।गीतकार के रूप में शैलेन्द्र ने अपना पहला गीत वर्ष 1949 में प्रदर्शित राजकपूर की फिल्म बरसात के लिये बरसात में तुमसे मिले हम सजन लिखा था। इसे संयोग हीं कहा जायेगा कि फिल्म बरसात से हीं बतौर संगीतकार शंकर-जयकिशन ने अपने कैरियर की शुरूआत की थी। इसके बाद शैलेन्द्र .राजकपूर के चहेते गीतकार बन गये। शैलेन्द्र और राजकपूर की जोड़ी ने कई फिल्में एक साथ की। इन फिल्मों में आवारा,आह,श्री 420,चोरी चोरी,अनाड़ी,जिस देश में गंगा बहती है, संगम,तीसरी कसम, एराउंड द वर्ल्ड,दीवाना, सपनों का सौदागर और मेरा नाम जोकर जैसी कई फिल्में शामिल है।

राजकपूर के साथ शैलेन्द्र की मुलाकात एक कवि सम्मेलन के दौरान हुयी थी। राजकपूर को शैलेन्द्र के गाने का अंदाज बहुत भाया और उन्हें उसमें भारतीय सिनेमा का एक उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया। राजकूपर ने शैलेन्द्र से अपनी फिल्मों के लिए गीत लिखने की इच्छा जाहिर की, लेकिन शैलेन्द्र को यह बात रास नही आयी और उन्होंने उनकी पेशकश ठुकरा दी । लेकिन बाद मे घर की कुछ जिम्मेदारियों के कारण उन्होंने राजकपूर से दोबारा संपर्क किया और अपनी शर्तो पर हीं राजकपूर के साथ काम करना स्वीकार कर लिया।राजकपूर के अलावा शैलेन्द्र की जोड़ी निर्माता-निर्देशक विमल राय के साथ भी खूब जमी।शैलेन्द्र अपने कैरियर के दौरान प्रोग्रेसिव रायटर्स एसोसियेशन के सक्रिय सदस्य बने रहे। वह इंडियन पीपुल्स थियेटर (इप्टा) के भी संस्थापक सदस्यों में से एक थे। शैलेन्द्र को उनके गीतों के लिये तीन बार फिल्म फे र अवार्ड से सम्मानित किया गया।

शैलेन्द्र के सिने सफर में उनकी जोड़ी संगीतकार शंकर-जयकिशन के साथ खूब जमी और उनके बनाये गाने जबर्दस्त हिट हुये। शैलेन्द्र ने बूट पालिश,श्री 420 और तीसरी कसम में अभिनय भी किया था ।इसके अलावा उन्होनें फिल्म परख 1960 के संवाद भी लिखे थे।शैलेन्द्र ने वर्ष 1966 में तीसरी कसम का निर्माण किया लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसकी असफलता के बाद उन्हे गहरा सदमा पहुंचा उसके बाद उनके मित्रों ने उन्हें किसी प्रकार का सहयोग करने से इंकार कर दिया ।मित्रों की बेरूखी और फिल्म तीसरी कसम की असफलता के बाद उन्हें कई बार दिल का दौरा पड़ा।

13 दिसंबर 1966 को शैलेन्द्र ने राजकपूर को आर.के कॉटेज में मिलने के लिये बुलाया, जहां उन्होंने राजकपूर से उनकी फिल्म मेरा नाम जोकर के गीत जीना यहां मरना यहां को पूरा करने का वादा किया, लेकिन वह वादा अधूरा ही रहा और अगले ही दिन 14 दिसंबर 1966 को उनका निधन हो गया। इसे महज एक संयोग हीं कहा जायेगा कि उसी दिन राजकपूर का जन्मदिन भी था।…

प्रेम

Tags: every color of lifeevery human being himselfevery philosophyfelt as if that song was written by himlifeMumbaiShailendra songsso includedsong writingऐसे समाहितगीत लिखनेजिंदगीजीवन हर रंगजैसे वह गीत उसीमहसूसमुंबईलिखा गयाशैलेन्द्र गीतोंहर फलसफेहर मनुष्य स्वंय
Previous Post

भारतीय सिनेमा के पहला शो मैन थे राज कपूर

Next Post

51 वर्ष के हुये जॉन अब्राहम

Related Posts

Delhi-Mumbai Expressway Accident: Delhi-Mumbai Expressway पर बड़ा सड़क हादसा, मिनी बस ट्रक से टकराई, , 4 की मौत, 10 घायल
देश

Delhi-Mumbai Expressway Accident: Delhi-Mumbai Expressway पर बड़ा सड़क हादसा, मिनी बस ट्रक से टकराई, , 4 की मौत, 10 घायल

July 14, 2025
अक्षय ओबेरॉय ने खरीदी वोल्वो सी40
बॉलीवुड

अक्षय ओबेरॉय ने खरीदी वोल्वो सी40

February 6, 2025
वागले की दुनिया एक संवेदनशील कहानी,दर्शक इससे गहराई से जुड़ेंगे: सुमित राघवन
मनोरंजन

वागले की दुनिया एक संवेदनशील कहानी,दर्शक इससे गहराई से जुड़ेंगे: सुमित राघवन

February 6, 2025
33 वर्ष की हुयी नोरा फतेही
मनोरंजन

33 वर्ष की हुयी नोरा फतेही

February 6, 2025
'वीर हनुमान' में बाली और सुग्रीव की दोहरी भूमिका में नजर आयेंगे महीर पांधी
बॉलीवुड

‘वीर हनुमान’ में बाली और सुग्रीव की दोहरी भूमिका में नजर आयेंगे महीर पांधी

February 6, 2025
सैफ अली खान मामले में घरेलू सहायिकाओं ने की आरोपी की पहचान
राजनीति

सैफ अली खान मामले में घरेलू सहायिकाओं ने की आरोपी की पहचान

February 6, 2025
Next Post
51 वर्ष के हुये जॉन अब्राहम

51 वर्ष के हुये जॉन अब्राहम

New Delhi, India
Tuesday, August 5, 2025
Mist
31 ° c
71%
19.1mh
28 c 27 c
Wed
38 c 27 c
Thu

ताजा खबर

दिल्ली में डिजिटल मानसून सत्र की शुरुआत, स्कूल फीस पर सख्त कानून और AAP पर CAG की तलवार

दिल्ली में डिजिटल मानसून सत्र की शुरुआत, स्कूल फीस पर सख्त कानून और AAP पर CAG की तलवार

August 4, 2025
उमर अंसारी की गिरफ्तारी के बाद मऊ की सियासत में बृजेश सिंह की एंट्री! क्या खत्म हो रही है मुख्तार अंसारी की विरासत?

उमर अंसारी की गिरफ्तारी के बाद मऊ की सियासत में बृजेश सिंह की एंट्री! क्या खत्म हो रही है मुख्तार अंसारी की विरासत?

August 4, 2025
IND vs ENG: रोमांचक मैच…एतिहासिक जीत, ओवल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को रौंदा, सीरीज हुई बराबर

IND vs ENG: रोमांचक मैच…एतिहासिक जीत, ओवल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को रौंदा, सीरीज हुई बराबर

August 4, 2025
NICE 2025: आईआईटी मद्रास की हर्गुन कौर और वर्षिनी बनीं साउथ जोन की क्रॉसवर्ड चैम्पियन

NICE 2025: आईआईटी मद्रास की हर्गुन कौर और वर्षिनी बनीं साउथ जोन की क्रॉसवर्ड चैम्पियन

August 4, 2025
EPIC कार्ड विवाद: भारत के लोकतंत्र पर संकट की दस्तक

EPIC कार्ड विवाद: भारत के लोकतंत्र पर संकट की दस्तक

August 4, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • Newsletter
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved