नयी दिल्ली, 03 फरवरी (कड़वा सत्य) केंद्र सरकार के एक शीर्ष स्वायत्त संस्था, नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) ने अफ्रीकी देशों के बड़े प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारियों के लिए सार्वजनिक नीति और शासन से संबंधित विषयों पर दो सप्ताह का प्रगतिशील नेतृत्व विकास कार्यक्रम पूरा किया।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार कार्यक्रम में पांच अफ्रीकी देशों इरिट्रिया, केन्या, इथियोपिया, तंजानिया और गाम्बिया के 34 वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। अपनी तरह का यह पहला कार्यक्रम आज सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के समापन सत्र को राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने संबोधित किया और भारत और अफ्रीका के बीच ऐतिहासिक संबंध और उनको सुदृढ़ करने हेतु प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किए गए प्रयासों को प्रस्तुत किया।
समापन सत्र में प्रौद्योगिकी द्वारा नागरिकों और सरकार को एक साथ एक मंच पर लाकर, भूमि प्रशासन में न्याय वितरण प्रणालियों में सुधार, सार्वजनिक शिकायतों के प्रभावी निवारण और गाम्बिया में माईगव पोर्टल के लॉन्च द्वारा एक साझा वैश्विक सार्वजनिक हित के लिए भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना नीतियों पर भी चर्चा की गई।
प्रतिभागियों में गाम्बिया सरकार के राष्ट्रपति कार्यालय में राष्ट्रपति के सलाहकार तमसीर एन, केन्या सरकार में गरिसा काउंटी के निदेशक महत अबुकर यूसुफ, तंजानिया सरकार में डोडोडमा विश्वविद्यालय की प्रधान परीक्षा अधिकारी तुमैनी लुआंडा एमटेतेमेला, इरिट्रिया सरकार के विदेश मंत्रालय की प्रोटोकॉल अधिकारी राहेल बेयेन टेकलू, इथियोपिया में संघीय सर्वोच्च न्यायालय की वर्तमान न्यायाधीश एटमेट अससेफा असामरी शामिल थीं।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि यह कार्यक्रम क्षमता निर्माण कार्यक्रम भूमि प्रशासन, सतत विकास और सार्वजनिक नीति कार्यक्रमों पर केंद्रित है। इसमें प्रतिनिधियों ने भूमि प्रशासन, सार्वजनिक नीति और सार्वजनिक शिकायतों के प्रभावी निवारण पर अपनी सामूहिक कार्य क्षमता का योगदान दिया।
मनोहर, उप्रेती