नयी दिल्ली, 27 जून (कड़वा सत्य) केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसीडी) को भंग कर इसके तीनों सदस्यों को हटाने के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे अवैध और असंवैधानिक करार दिया है।
दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आज कहा कि उपराज्यपाल द्वारा डीडीसीडी को भंग करने का निर्णय तुच्छ राजनीति का उदाहरण है। यह सर्वविदित है कि देश भर में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के सभी आयोगों, समितियों और बोर्डों में अक्सर बिना किसी औपचारिक टेस्ट या साक्षात्कार के जरिए राजनीतिक नियुक्तियां होती हैं। इसमें भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं। यह एक लंबे समय से चली आ रही प्रथा है। महिला आयोग, एससी/एसटी आयोग और अल्पसंख्यक आयोग जैसे विभिन्न पब्लिक कमीशन इसी प्रथा के उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि यह भी बेहद दुर्भाग्यपूण है कि कुमार सक्सेना की बतौर दिल्ली के उपराज्यपाल नियुक्ति भी बिना किसी विज्ञापन, टेस्ट या साक्षात्कार के की गई एक राजनीतिक नियुक्ति ही है। अगर दिल्ली के उपराज्यपाल पद की नियुक्ति के लिए कोई सार्वजनिक विज्ञापन जारी किया गया है, तो उन्हें देश के सामने सार्वजनिक करना चाहिए।
डीडीसीडी दिल्ली के मुख्यमंत्री के अधीन आता है और इसके सदस्यों पर कार्रवाई करने का अधिकार केवल मुख्यमंत्री के पास है। डीडीसीडी को भंग करने के पीछे उपराज्यपाल का एकमात्र उद्देश्य दिल्ली सरकार के सभी कार्यों को रोकना है।
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कड़वा सत्य