• Newsletter
  • About us
  • Contact us
Sunday, June 15, 2025
33 °c
New Delhi
40 ° Mon
40 ° Tue
Kadwa Satya
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
Kadwa Satya
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
  • जीवन मंत्र
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
  • स्पेशल स्टोरी
Home देश

‘ग्लोबल साउथ’ ने दिया, बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार पर जोर

News Desk by News Desk
August 17, 2024
in देश
0 0
‘ग्लोबल साउथ’ ने दिया, बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार पर जोर
Share on FacebookShare on Twitter

नयी दिल्ली 17 अगस्त (कड़वा सत्य) भारत की मेज़बानी में आज संपन्न तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में विदेशी ताकतों द्वारा किसी देश के घरेलू राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप की प्रवृत्ति पर गहरी चिंता जताते हुए बहुपक्षीय वैश्विक शासन में विश्वसनीयता में बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शिखर सम्मेलन के समापन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में जानकारी साझा करते हुए कहा, “हमने अभी-अभी वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का समापन किया है। ‘एक टिकाऊ भविष्य के लिए वैश्विक दक्षिण का सशक्तीकरण’ की थीम पर आधारित इस शिखर सम्मेलन में 123 देशों ने भाग लिया। सम्मेलन में 21 राष्ट्राध्यक्ष/शासनाध्यक्ष शामिल हुए। सम्मेलन में नेताओं के सत्र के अलावा समानांतर 10 मंत्रिस्तरीय सत्रों में 118 मंत्रियों और 34 विदेश मंत्रियों ने भाग लिया। बाद में एक संयुक्त दस्तावेज भी जारी किया जाएगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि शिखर सम्मेलन में अनेक देशों ने भारत द्वारा तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के आयोजन किये जाने की सराहना की और दुनिया के मौजूदा हालात में इसे अधिक प्रासंगिक बताया।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में यह तथ्य रेखांकित हुआ कि ग्लोबल साउथ की विकास क्षमता को खोलने की कुंजी के रूप में वित्त और तकनीक तक पहुंच स्थापित करना एक महत्वपूर्ण तत्व है। भारत ने इसे देखते हुए ‘ग्लोबल डेवेलपमेंट कॉम्पैक्ट’ के गठन का प्रस्ताव किया है जो विकास परियोजनाओं के लिए किफायती वित्तपोषण उपलब्ध करायेगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि शिखर सम्मेलन में बहुपक्षवाद की विश्वसनीयता बहाली को लेकर तकरीबन सभी ने चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में सामूहिक भावना यह थी कि अगर हमें बहुपक्षवाद की विश्वसनीयता को पुनर्जीवित करना है तो इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। कोई भी देश वास्तव में इस आकलन से असहमत नहीं है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र के संबंध में इसे आगे ले जाने में असमर्थता हमें हर गुजरते दिन के साथ और अधिक महंगी पड़ रही है।
एक प्रश्न के उत्तर में डॉ जयशंकर ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों में संयुक्त राष्ट्र सुधारों के लिए भावना बढ़ रही है। हम दुनिया के 190 देशों के बीच पूर्ण एकता हासिल नहीं कर पाएंगे। हमारा विचार है कि संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर पाठ आधारित कड़वा सत्य को शुरू किया जाए और हर किसी को अपना विचार सामने रखने दिया जाए और फिर मतदान करने का अवसर दिया जाए। संयुक्त राष्ट्र महासभा उस विकल्प को चुनने की क्षमता रखती है, हमारा मानना ​​है कि बातचीत होनी चाहिए।
उन्होंने वैश्विक गंभीर चुनौतियों का हवाला देते हुए कहा कि खेद की बात है कि इन चुनौतियों के समाधान बहुपक्षीय क्षेत्र से नहीं आ रहे हैं। इसका कारण बहुपक्षीय संगठनों का अप्रचलन और ध्रुवीकरण दोनों है। यहां भी भारत ने बहुपक्षवाद में सुधार के लिए तर्क दिया है और जी20 के माध्यम से बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार की मांग की है। ग्लोबल साउथ के एक समूह के रूप में, हमें अपने मामले पर व्यापक ज़ोर देने की ज़रूरत है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि सम्मेलन के विदेश मंत्रियों के सत्र में कुछ देशों द्वारा विदेशी शक्तियों द्वारा किसी संप्रभु देश के आंतरिक राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप की प्रवृत्ति पर चिंता जतायी गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि सम्मेलन में अनेक लोगों ने पश्चिम एशिया में गाजा का मुद्दा उठाया। गाजा का संदर्भ यूक्रेन की तुलना में बहुत अधिक बार दिया गया। भावना यह थी कि स्थिति को युद्धवि  और कड़वा सत्य पर वापस जाने की जरूरत है।
तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के 10 प्रमुख बिन्दुओं की चर्चा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि वित्त और तकनीक तक पहुंच, ग्लोबल साउथ की विकास क्षमता को खोलने की कुंजी बनी हुई है। उन्होंने कहा, “हमें इस संबंध में अधिक सक्रिय और अनुकूल संस्कृति को प्रोत्साहित करना चाहिए। उदाहरण के लिए, भारत इंडिया स्टैक और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा के समाधान साझा कर रहा है, और लगभग 80 देशों में विकास परियोजनाएं चला रहा है, जिनमें से कई अनुदान के रूप में हैं। लोगों को कोविड-19 महामारी के दौरान लगभग 100 देशों में टीकों का हमारा योगदान को याद होगा।”
उन्होंने कहा कि दूसरा बिन्दु अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (सीडीआरआई), वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन, मिशन जीवन या अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन आदि मंचों के जरिये आम हित के मुद्दों पर कार्य करने के लिए ‘अधिक इच्छा’ का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रतिबंधों के बढ़ते चलन पर विचार करते हुए हम सभी ने अनुभव किया है कि कैसे हमारे जोखिमों और कमजोरियों का लाभ उठाया जाता है। साथ ही, प्रतिबंधों, खासकर वित्तीय प्रतिबंधों का चलन भी बढ़ रहा है। यह तब तक जारी रहेगा जब तक हमें अन्य विकल्प विकसित करने होंगे। सबने माना कि “ग्लोबल साउथ में हमारे लिए सबक, अपने परस्पर संवाद को तेज करना है। इसका मतलब है अधिक व्यापार, निवेश, सहयोग, प्रशिक्षण, हमारी अपनी मुद्राओं में व्यापार निपटान और फिनटेक समाधान आदि भी वांछनीय हैं।
इससे पहले पहले सत्र में डॉ. जयशंकर ने कोविड-19 महामारी, संघर्ष और जलवायु घटनाओं का जिक्र किया था। उन्होंने विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने ‘अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को जोखिम से मुक्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन में विविधता लाने’ की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “सामाजिक-आर्थिक न्याय के संदर्भ में हमने पहले जो तर्क दिया था, वह आज पूर्वानुमान के संदर्भ में पूरी दुनिया के लिए समान रूप से सम्मोहक तर्क है।”
विदेश मंत्री ने कहा, “जलवायु परिवर्तन के जोखिम, संक्रमण मार्गों की लागत और संसाधनों तक पहुंच मौजूदा बहस के तीन बड़े मुद्दे हैं। हमारी जी 20 अध्यक्षता के दौरान, हमने न्यायपूर्ण ऊर्जा संक्रमण को उजागर करने का प्रयास किया और माना कि हमें ग्लोबल साउथ में कम लागत वाले वित्तपोषण और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के प्रवाह को सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक परिवार के रूप में मिलकर काम करना चाहिए।” उन्होंने भारत में ‘परिवर्तन के प्रमुख चालक’ के रूप में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का भी उल्लेख किया।
 
कड़वा सत्य

Tags: Global Southmultilateralstressed on reformsystemप्रणालीबहुपक्षीयसुधार पर जोर‘ग्लोबल साउथ’ ने दिया
Previous Post

कोलकाता में डॉक्टर ‘दुष्कर्म-हत्या’ मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Next Post

आईएमए ने अस्पतालों में हवाईअड्डे जैसी सुरक्षा व्यवस्था की मोदी से की मांग

Related Posts

रूस बेलारूस में ओरेश्निक मिसाइल प्रणाली करेगा तैनात
विदेश

रूस बेलारूस में ओरेश्निक मिसाइल प्रणाली करेगा तैनात

February 5, 2025
जम्मू-कश्मीर में स्टार्टअप कार्यक्रम प्रणाली को मजबूत करने के लिए समझौता
व्यापार

जम्मू-कश्मीर में स्टार्टअप कार्यक्रम प्रणाली को मजबूत करने के लिए समझौता

January 29, 2025
टीडीएस प्रणाली को संविधान विरुद्ध बताने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
देश

टीडीएस प्रणाली को संविधान विरुद्ध बताने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

January 25, 2025
राजनाथ ने युद्ध क्षेत्र निगरानी प्रणाली ‘संजय’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
देश

राजनाथ ने युद्ध क्षेत्र निगरानी प्रणाली ‘ ’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

January 24, 2025
नागरिक पंजीकरण प्रणाली मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारंभ किया शाह ने
देश

नागरिक पंजीकरण प्रणाली मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारंभ किया शाह ने

October 30, 2024
भारत में रक्षा क्षेत्र के साजो-सामान का निर्माण तंत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है: मोदी
देश

भारत में रक्षा क्षेत्र के साजो-सामान का निर्माण तंत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है: मोदी

October 28, 2024
Next Post
आईएमए ने अस्पतालों में हवाईअड्डे जैसी सुरक्षा व्यवस्था की मोदी से की मांग

आईएमए ने अस्पतालों में हवाईअड्डे जैसी सुरक्षा व्यवस्था की मोदी से की मांग

New Delhi, India
Sunday, June 15, 2025
Mist
33 ° c
56%
3.6mh
44 c 35 c
Mon
44 c 36 c
Tue

ताजा खबर

सत्ता और पूंजी का गठजोड़: क्या मोदी-अडानी संबंध लोकतंत्र की कसौटी पर खरे उतरते हैं?

सत्ता और पूंजी का गठजोड़: क्या मोदी-अडानी संबंध लोकतंत्र की कसौटी पर खरे उतरते हैं?

June 15, 2025
बिहार के IAS, IPS और IFS अफसरों ने दिखाया मानवता का जज्बा, विश्व रक्तदान दिवस पर 207 यूनिट रक्तदान

बिहार के IAS, IPS और IFS अफसरों ने दिखाया मानवता का जज्बा, विश्व रक्तदान दिवस पर 207 यूनिट रक्तदान

June 15, 2025
Air India Crash Vijay Rupani: Air India Crash में पूर्व CM विजय रूपाणी की मौत, PM मोदी बोले- विश्वास नहीं होता!

Air India Crash Vijay Rupani: Air India Crash में पूर्व CM विजय रूपाणी की मौत, PM मोदी बोले- विश्वास नहीं होता!

June 14, 2025
Air India Crash Black Box: Air India Crash का बड़ा खुलासा: ब्लैक बॉक्स बरामद, पीएम मोदी ने किया हादसे का मुआयना!

Air India Crash Black Box: Air India Crash का बड़ा खुलासा: ब्लैक बॉक्स बरामद, पीएम मोदी ने किया हादसे का मुआयना!

June 14, 2025
 Air India Plane Crash 2025: एयर इंडिया का भीषण हादसा: लंदन रवाना फ्लाइट टेकऑफ के बाद क्रैश, 240 से ज्यादा मौतें, 1500 करोड़ का बीमा दावा!

 Air India Plane Crash 2025: एयर इंडिया का भीषण हादसा: लंदन रवाना फ्लाइट टेकऑफ के बाद क्रैश, 240 से ज्यादा मौतें, 1500 करोड़ का बीमा दावा!

June 14, 2025

Categories

  • अपराध
  • अभी-अभी
  • करियर – शिक्षा
  • खेल
  • गीत संगीत
  • जीवन मंत्र
  • टेक्नोलॉजी
  • देश
  • बॉलीवुड
  • भोजपुरी
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • व्रत त्योहार
  • शिक्षा
  • संपादकीय
  • स्वास्थ्य
  • Newsletter
  • About us
  • Contact us

@ 2025 All Rights Reserved

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • खेल
  • अपराध
  • करियर – शिक्षा
    • टेक्नोलॉजी
    • रोजगार
    • शिक्षा
  • जीवन मंत्र
    • व्रत त्योहार
  • स्वास्थ्य
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • गीत संगीत
    • भोजपुरी
  • स्पेशल स्टोरी

@ 2025 All Rights Reserved